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Uttarakhand: धामी सरकार की बड़ी सौगात, सहकारी बैंकों-संस्थाओं में महिलाओ को 33 प्रतिशत मिलेगा आरक्षण

Uttarakhand: धामी सरकार की बड़ी सौगात, सहकारी बैंकों-संस्थाओं में महिलाओ को 33 प्रतिशत मिलेगा आरक्षण

 

उत्तराखंड में सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है, कैबिनेट ने उत्तराखंड सहकारी समिति (संशोधन) नियमावली, 2004 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत  सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण  सुनिश्चित किया गया है।

बता दें कि समितियों के शीर्ष पदों पर महिलाओं के लिए आरक्षण को लेकर सहकारिता विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया था। प्रस्ताव में उत्तराखंड सहकारी समिति (संशोधन) नियमावली, 2004 के नियम- 80, 81, 415, 456, 470-क एवं 473 और उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-28 एवं 47 में संशोधन की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड सहकारी समिति (संशोधन) नियमावली, 2004 में संशोधन करते हुए महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

ऐतिहासिक निर्णय- सीएम धामी

ऐसे में उत्तराखंड सहकारी संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना गया है। सहकारी समितियों में राज्य की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलने पर सीएम धामी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा है कि- महिला सशक्तिकरण की दिशा में State government की ये बड़ी पहल है। मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।  

एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म: सहकारिता मंत्री 

वहीं उत्तराखंड सहकारी संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस अब सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म कर दी गई है। सत्ता के इस असंतुलन को दूर करने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शासन संरचना का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। 

महिलाएं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से नेतृत्व के पदों पर कम प्रतिनिधित्व मिला है, सहकारी संस्थाओं के प्रभावी कामकाज की दिशा में एक अनूठा दृष्टिकोण और योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि , सहकारी समितियों के उच्च स्तरों पर निदेशक मंडल और अध्यक्षों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी जरूरी है।

इससे महिलाओं के निर्णय लेने की प्रक्रिया में विचारों और अनुभवों की विविधता भी आएगी। महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे , जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा देश का उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33% आरक्षण की मंजूरी दी गई है। 


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