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Uttarakhand: कड़ी मशक्कत के बाद खुला जोशीमठ में बद्रीनाथ हाईवे, फिर हुआ बंद

Uttarakhand: कड़ी मशक्कत के बाद खुला जोशीमठ में बद्रीनाथ हाईवे, फिर हुआ बंद

 

Uttarakhand Landslide: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। प्रदेश के चमोली जिले से लैंडस्लाइड की भयावह तस्वीर सामने आई है। बद्रीनाथ जाने वाले हाईवे पर हुए लैंडस्लाइड के कारण जोशीमठ- बद्रीनाथ हाईवे तत्काल बंद कर दिया गया है। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

जोशीमठ -बद्रीनाथ हाईवे बंद 

लैंडस्‍लाइड की घटना पाताल गंगा इलाके की है। पहाड़ का एक पूरा हिस्सा देखते ही देखते दरक गया जिसका मलबा सड़क पर बिखऱ गया है। इसी वजह से  NH-7 नेशनल हाईवे -7 जोशीमठ -बद्रीनाथ हाईवे बंद कर दिया गया है। इस हाईवे के बंद होने से चार धाम यात्रा पर जाने वाले कुछ यात्रियों को भी मुसीबत का सामने करना पड़ सकता है. पहाड़ के टूटने से सड़क फिलहाल पूरी तरह बंद कर दी गई है।

जोशीमठ में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे फिर हुआ बंद

इससे पहले मंगलवार 9 जुलाई को जोशीमठ में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर भयानक लैंडस्लाइड हो गया था।  इस दौरान पूरा का पूरा पहाड़ ही भर-भराकर गिर पड़ा था। भूस्खलन से काफी मलबा खाई में गिर गया। इसके बाद बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया था। लेकिन BRO की 58 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आज यह खुल गया था। बदरीनाथ हाईवे पर पैदल आवाजाही सुचारू हो गई थी, लेकिन अचानक से। ड्रिलिंग करने वाली मशीन के ऊपर अचानक एक बड़ा पत्थर आकर गिरा जिस कारण सुरक्षा के लिहाज से इसे फिर से बंद कर दिया गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

बारिश का येलो अलर्ट

बहरहाल मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड में सभी जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि टिहरी, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर में अधिकांश जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।

चार धाम यात्रा पर भारी बारिश की वजह से ब्रेक लग गया था। हालांकि एक बार फिर चार धाम यात्रा को शुरू कर दिया गया है.. इसके साथ ही 146 सड़कों को भी खोल दिया गया है। मानसून सीजन के दस्तक देते ही चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम हो गई है। जहां पहले हर रोज 20 से 25000 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। बारिश की वजह से अब धामों में श्रद्धालुओं की संख्या ढाई से 3 हजार रह गई है.. चारों धामों में अब तक 166 यात्रियों को मौत भी हो चुकी है।


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