उत्तर प्रदेश से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां परिक्षा से 12 से 15 घंटा पहले ही यूपी-टीईटी (UPTET) का पेपर आउट हो गया। सभी डेढ़ सौ प्रश्नों के हल शनिवार रात से रविवार सुबह तक व्हाट्सएप ग्रुप पर सर्कुलेट हो चुके गए थे। हैरानी की बात है कि सभी डेढ़ सौ प्रश्न पेपर के हूबहू थे और इन सभी प्रश्नों के जवाब भी हल कर लिए गए थे। इसमें कम से कम डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगा होगा। जैसे ही सुबह इसकी भनक एसटीएफ (STF) को लगी तो पूरे तंत्र के कान खड़े हो गए और गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Adityanath) तक बात पहुंची तो उन्होंने तत्काल परीक्षा निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले इतनी बड़ी घटना से सरकार की भी किरकिरी हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि जो भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे प्रकरण में पेपर कैसे आउट हुआ या बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है। परीक्षा से दो घंटा पहले पेपर मजिस्ट्रेट की निगरानी में केंद्रों तक पहुंचाया जाना है। ऐसे में सवाल है कि 12 से 15 घंटा पहले नकल माफिया के हाथ पेपर कैसे लग गया। इस प्रकरण में प्रिंटिंग फर्म की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराई गई 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी प्रिंटिंग फर्म ने भारी अनियमितताएं की थी। ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। इस प्रकरण में तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले भी बीटीसी के पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग फर्म के मालिक की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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