केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर नौ माह से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन का आज महत्वपूर्ण पड़ाव है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत होने जा रही है। इस महापंचायत में विभिन्न राज्यों से करीब सात लाख किसानों के जुटने का दावा किया गया है। महापंचायत से पहले किसान नेताओं के तेवर तल्ख दिखाई दे रहे हैं। कल जहां किसान नेता राकेश टिकैत ने 'रोके जाने पर तोड़ देने' की चेतावनी दी थी, वहीं अब कहा है कि सरकार को उनकी बात सुननी ही पड़ेगी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान नौ महीने से सड़क पर बैठे हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही। मुजफ्फरनगर की महापंचायत सरकार को नींद से उठाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांग उठाने से किसी सरकार को नुकसान पहुंचता है तो उसे किसानों की बात सुननी चाहिए। टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी होने का दावा किया है। आज देश के बड़े संगठनों को बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि महापंचायत में इन सभी मुद्दों पर भी चर्चा होगी। इससे पूर्व उन्होंने ट्वीट भी किया, जिसमें किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मुजफ्फरनगर पहुंचने का आह्वान किया।
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