तालिबान ने कब्जे के आखिरकार 23 दिन के बाद बीते मंगलवार को अफगानिस्तान में अपनी नई सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है। तालिबान की तरफ से जिस अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया गया है, उसमें पीएम अखुंद, दोनों डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर व अब्दुल सलाम हनफी, गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, ये सभी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की तरफ से प्रतिबंधित आतंकी हैं। जानकारी के अनुसार, सिराजुद्दीन हक्कानी पर अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर (73 करोड़ 36 लाख और 65 हज़ार) का इनाम घोषित कर रखा है।
बताया जा रहा है कि तालिबान सरकार में एक साथ इतने सारे आतंकियों के शामिल होने से आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में चलने वाले मुहिम पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नई सरकार में शामिल होने वाले इन सभी को आतंकी घोषित करवाने में अमेरिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। लेकिन, जल्दी ही अमेरिका के विदेश मंत्री को उनकी ही सरकार की ओर से घोषित आतंकियों से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। इनमें से कई तालिबानी नेताओं पर अमेरिकी सरकार ने अपनी तरफ से अलग से इनाम घोषित किया हुआ है।
जाहिर है कि अमेरिका को इसमें रियायत देनी होगी। यही नहीं जिस संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव पारित कर अखुंद और मुत्तकी को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया, उसी की सालाना सम्मेलन को अब ये दोनों संबोधित कर सकते हैं। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, तालिबान सरकार में शामिल प्रतिबंधित आतंकियों के भविष्य को लेकर 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अहम बैठक होने वाली है।
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