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बिना लोहे के पहिए के यहां चलती है दुनिया की सबसे तेज ट्रेन! देखकर हो जाएंगे हैरान

बिना लोहे के पहिए के यहां चलती है दुनिया की सबसे तेज ट्रेन! देखकर हो जाएंगे हैरान

 

Fastest Train in World: आपने ट्रेन में सफर तो जरुर किया होगा और कभी ना कभी आपकी नजर ट्रेन के पहिए पर भी गई ही होगी। बता दें कि सामान्य ट्रेन जिससे आप सफर करते हैं उसके पहिए बड़े और लोहे से गोल आकार के बने होते हैं। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन के पहिए लोहे के नहीं बल्कि मैग्नेटिक लेविटेशन के होते हैं, जिनकी मदद से यह ट्रेन पटरी पर हवा में दौड़ती है। क्या आप यकीन करेंगे? शायद नहीं!

तो आज हम आपको बताते हैं कि दुनिया में एक ऐसी ट्रेन मौजूद है जो हवा में यात्रियों को सफर कराती है। चलिए जानते है इस ट्रेन की खासियत और तकनीक के बारे में और आखिर कहां चलती हैं ऐसी ट्रेनें।दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन भारत के पड़ोसी देश चीन में है। इस ट्रेन की लंबाई 153 मीटर, चौड़ाई 3.7 मीटर और ऊंचाई 4.2 मीटर है।

ये है ट्रेन की रफ्तार    
चीन में सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन का नाम शंघाई मैगलेव है जो की शंघाई के पुडोंग एयरपोर्ट को लॉन्गयांग रोड स्टेशन से जोड़ती है। शंगाई मैगलेव ट्रेन की अधिकतम स्पीड 460 किमी/घंटा है। यानि यह ट्रेन नोएडा से इलाहाबाद के बीच का 700 किमी दूरी वाला सफर केवल डेढ़ से दो घंटे में पूरा कर सकती है। 

इस खास तकनीक से चलती है ट्रेन
इस ट्रेन की खासियत है कि इसमें मैग्नेटिक लेविटेशन (मैग्लेव) लगा हुआ है जिसकी मदद से यह ट्रेन पटरी पर दौड़ती है। इस तकनीक में पटरियों में मैग्नेटिक प्रभाव रहता है और ट्रेन इन पटरियों से थोड़ा ऊपर हवा में रहती है। पटरियों के चुंबकीय प्रभाव की वजह से ट्रेन स्थिर रहती है और बिना शोर किए तेज स्पीड में दौड़ती है। 

जर्मनी की यह तकनीक
मैग्नेटिक लेविटेशन (मैग्लेव) तकनीक मूल रूप से चीन की नहीं है बल्कि जर्मनी देश की है। चीन में यह मैग्लेव ट्रेन पिछले करीब एक दशक से चल रही है और अब उसने खुद ही 600 किमी/घंटा स्पीड से चलने वाली मैग्लेव ट्रेन तैयार कर ली है। 

करानी पड़ती है अडवांस बुकिंग
इसमें कुल 574 यात्री सफर कर सकते हैं। सफर करने के लिए यात्रियों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है। इसमें 3 तरह के कोच होते हैं, जिनमें फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और एंड सेक्शन शामिल हैं।


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