Thalaivii Movie Review : कंगना रनौत की फिल्म 'थलाइवी' (Thalaivii) फाइनली रिलीज हो गई है। इस फिल्म के जरिए जयललिता की जिंदगी का उतार-चढ़ाव भरा सफर दिखाया गया है। 'थलाइवी' में जयललिता के राजनीतिक करियर से ज्यादा उनकी पर्सनल लाइफ की झलक देखने को मिली है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक भोली-भाली लड़की जिंदगी में आई मुश्किलों के बीच खुद को पूरी तरह बदलकर एक ऐसी पावरफुल महिला बनती है, जिस दुनिया 'अम्मा' के नाम से पुकारती है।
'थलाइवी' के डायरेक्टर विजय ने फिल्म में जया की जिंदगी के उन पहलुओं को दिखाया है, जिनके बारे में उनके फॉलोवर्स को भी ज्यादा जानकारी नहीं होगी। जयललिता की इस बायोपिक में गानों, डांस सीक्वेंस और ढ़ेर सारी डायलॉगबाजी देखने को मिली है। फिल्म में किरदारों के लुक और बोल-चाल पर खास तौर पर ध्यान दिया गया है। फिल्म के किरदार आपको पुराने दौर में ले जाएंगे। फिल्म का फर्स्ट हाफ 60s का दौर दिखाता है, जब जयललिता को परिवार को सपोर्ट करने के लिए वकील बनने के अपन सपने को भुला कर एक्टिंग फील्ड में जाना पड़ता है।
खूबसूरत और टैलेंटेड जयललिता को इस दौर में कई सुपरस्टार्स के साथ काम करने का मौका मिला था। जिनमें एमजी रामचंद्रन भी शामिल थे। उनकी लव-स्टोरी कई उतार-चढ़ाव से गुजरती है लेकिन राजनीति के बीच में आते ही दोनों की जिंदगियां बदल जाती हैं। थलाइवी के फर्स्ट हाफ में बिना भटके MGR के प्रति जयललिता का समर्पण दिखाया जाता है। कुछ दिल को छू लेने वाले सीन्स के जरिए दोनों के बीच प्यार और सम्मान की झलक देखने को मिलती है। वहीं, सेकेंड हाफ में ड्रामैटिक अंदाज में दिखाया जाता है कि किस तरह MGR राजनीति में अपना करियर बनाने में लगे हैं और उनके करियर में जया का क्या योगदान रहा।
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