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बहन और जीजा विनेश फोगाट से हो गए नाराज, परिवार में मच गई 'कलह'

बहन और जीजा विनेश फोगाट से हो गए नाराज, परिवार में मच गई 'कलह'

 

Vinesh Phogat Post: पहलवान विनेश फोगाट ने 2024 पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालीफाई और फिर CAS से केस खारिज होने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी। फोगाट शनिवार को भारत लौट आईं। एक दिन पहले विनेश ने 3 पेज का लेटर शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने स्ट्रगल के बारे बताया।

लेटर शेयर करने के बाद विनेश के चचेरी बहन गीता फोगाट के पति पवन सरोहा ने सोशल मीडिया (X) पर लिखा, 'विनेश आपने बहुत बढ़िया लिखा है लेकिन आपने अपने ताऊ जी को भूल गई। जिन्होंने ने आपकी कुश्ती जीवन को शुरु किया था। भागवान आपको शुद्ध बुद्धि दे।'

वहीं गीता फोगाट ने बिना किसी का नाम लिखे सोशल मीडिया पर लिखा, 'कर्मों का फल सीधा सा है, छल का फल छल, आज नहीं तो कल।'

कौन हैं महावीर फोगाट 

विनेश फोगाट चरखी दादरी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। इसी गांव से द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट रहते हैं। वह विनेश के ताऊ हैं। विनेश को कुश्ती के गुर इन्हीं ने सिखाए थे। महावीर फोगाट की बेटियां गीता और बबीता भी कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत चुकी हैं। गीता के पति पवन सरोहा भी रेसरल हैं। वह भी कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत चुके हैं।

विनेश ने लेटर में क्या लिखा ?

विनेश ने लिखा, 'जो पेरिस में हुआ अगर वो न होता तो मैं ओलिंपिक 2032 तक खेलती, क्योंकि मेरे अंदर लड़ने की भावना और कुश्ती हमेशा रहेगी। मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या है और मेरे लिए सफर में आगे क्या होगा, लेकिन एक बात पक्की है कि मैं हमेशा उस बात के लिए लड़ती रहूंगी, जो मुझे सही लगती है।

कहने को काफी कुछ है, लेकिन शब्द कभी पर्याप्त नहीं होंगे। हो सकता है कि जब समय सही हो मैं इस पर दोबारा बात करूं।' पेरिस ओलिंपिक के दौरान विनेश 7 अगस्त को फाइनल से ठीक पहले 100 ग्राम ओवरवेट होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई थीं। मैंने रातभर वजन कम करने की कोशिश की। करीब साढ़े पांच घंटे तक कड़ी मेहनत की, लेकिन अपने वजन को अपनी वेट कैटेगरी 50 kg पर नहीं ला सकी।' उधर उनके फॉरेन कोच वॉलर अकोस ने आज खुलासा किया, 'एक समय हमें लगा कि विनेश मर जाएगी।

6 अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह, हमने हार नहीं मानी। हमारी कोशिशें नहीं रुकीं। हम झुके नहीं, लेकिन घड़ी रुक गई और समय सही नहीं था। मेरा भाग्य भी साथ नहीं था। मेरी टीम, भारतीयों के लिए, मेरे परिवार के लिए, हम जिस गोल के लिए काम कर रहे थे। वो अधूरा रह गया। ये हमेशा मिसिंग रहेगा।'
 

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