Kenya Protests: केन्या की संसद में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने उस समय हमला बोल दिया जब संसद में वित्त विधेयक पेश किया जा रहा था। इस विधेयक के पास होने से टैक्स में बढ़ोतरी हो जाती, जो केन्या के नागरिक को बिल्कुल नहीं मंजूर नहीं था ऐसे में उन्होंने संसद के एक हिस्से में आग लगा दी। जिसके बाद सांसद भाग खड़े हुए। प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और गोलियां तक बरसाई। इस प्रदर्शन में पांच लोगों की मौत हो गई , 150 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। केन्या में 80 हजार से 1 लाख भारतीय रहते हैं, जिनकी जान को खतरा है।
ऐसे में भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारत ने केन्या में अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित कर वृद्धि के खिलाफ पूर्वी अफ्रीकी देश में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अत्यधिक सावधानी बरतें और गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करें।
ADVISORY FOR INDIAN NATIONALS IN KENYA
— India in Kenya (@IndiainKenya) June 25, 2024
In view of the prevailing tense situation, all Indians in Kenya are advised to exercise utmost caution, restrict non-essential movement and avoid the areas affected by the protests and violence till the situation clears up.
टैक्स विधेयक को लेकर विरोध
दरअसल ये सारा विवाद टैक्स विधेयक को लेकर उपजा है, जिसमें दैनिक जरुरी सामानों पर भारी भरकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव शामिल है। जिसको लेकर केन्या के नागरिकों में भारी रोष उत्पन्न हो गया। यह प्रदर्शन देश की राजधानी नैरोबी में शुरू हुआ और देखते ही देखते देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल गया। वित्त विधेयक के जरिए सरकार का लक्ष्य घरेलू राजस्व में अतिरिक्त 2.7 बिलियन डॉलर जुटाना है। सरकार का कहना है कि देश के कर्ज को पूरा करने, बजट घाटे को कम करने और सरकार को चालू रखने के लिए ये जरूरी हैं। वहीं प्रदर्शनकारी इसे सजा की तरह मानते हैं। उनका कहना है कि महंगाई के कारण पहले से ही गुजारा करना मुश्किल हो गया है।
तीसरे चरण में विधेयक
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो आर्थिक हालातों को सुधारने का वादा करके सत्ता में आए थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पर आरोप लगाते हुए कहा है कि -उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति बनने के बाद जनता के साथ धोखा किया है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि रूटो ने गरीबों की मदद करने का वादा किया था।
उन्होंने टैक्स न बढ़ाने और लोन की लागत को कम करने के लिए सरकार के नए वित्त विधेयक को पूरी तरह से खारिज करने की बात कही थी।संसद ने वित्त विधेयक को मंजूरी दी, जो अब तीसरे चरण में है और राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।