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अधिक मास की पूर्णिमा, ऐसे करें श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

अधिक मास की पूर्णिमा, ऐसे करें श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

 

Sawan Adhik Maas Purnima 2023: इस साल सावन महीने में मलमास लगने से व्रत और त्योहार की संख्या बढ़ गई है। दो महीने का सावन होने की वजह से पूर्णिमा भी दो बार पड़ रही है। सावन की पहली पूर्णिमा आज यानी 1 अगस्त 2023 को है। यह मलमास की पूर्णिमा है। वहीं सावन की दूसरी पूर्णिमा 30 अगस्त को है। इस दिन स्नान,पूजा-पाठ, व्रत और दान करने का नियम होता है। पूर्णिमा तिथि इसलिए भी खास होती है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप में दिखाई पड़ता है। वहीं इस बार की मलमास पूर्णिमा में कुछ अद्भुत संयोग बन रहे रहें है। इसलिए मलमास की पूर्णिमा को खास माना जा रहा है। चलिए जानते हैं मलमास पूर्णिमा के खास संयोगों के बारे में... 


अधिकमास की पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग

मलमास की पूर्णिमा पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। इसलिए इस दिन का खासा महत्त्व बढ़ जाता है। इस दिन आयुष्मान योग , प्रीति योग और उत्तराषाढ़ योग भी बन रहा है। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है। इन योग में किए गए उपायों से धन लाभ के मार्ग बनते हैं। 
- आयुष्मान योग- सुबह 6 बजे से 2 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक रहेगा।
- प्रीति योग- 31 जुलाई की रात से शुरु होकर 1 अगस्त की शाम तक रहेगा।
- उत्तराषाढ़ योग- 31 जुलाई की शाम से 1 अगस्त की शाम तक रहेगा।

पूर्णिमा तिथि है खास

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को इसलिए खास माना जाता है क्योकि इस दिन चंद्रदेव अपने पूरे आकार में नजर आते हैं। इसके आलावा इस दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि चंद्रमा  की पूजा करने से कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख , शांति और खुशहाली आती है।

ऐसे करें मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा

इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ ही सत्यनारायण की कथा विशेष रुप से पढ़नी चाहिए। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और केला एवं पंजीरी का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद बांटे। सुबह पूजा करने के बाद शाम के समय भी मां लक्ष्मी की पूजा करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। लक्ष्मी चालीसा पढ़ें और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। पूजा करने के अलावा पूर्णिमा के दिन दान करना बिल्कुल भी न भूलें। ऐसा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। 


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