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ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को हुआ इनगुइनल हर्निया, सर्जरी करवाने जा रहे विदेश

ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को हुआ इनगुइनल हर्निया, सर्जरी करवाने जा रहे विदेश

 

Paris Olympic की तैयारियों में लगे होने के चलते Neeraj Chopra काफी वक्त से इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia) की सर्जरी टाल रहे थे। लेकिन ये बिमारी है क्या? इससे कैसे बच सकते हैं।

पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) जर्मनी चले गए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वो हर्निया का इलाज कराने गए हैं। दरअसल, नीरज काफी समय से इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia) से परेशान थे। ये हर्निया का ही एक प्रकार है। वो ओलंपिक के चलते काफी टाइम से अपनी सर्जरी को टाल रहे थे। लेकिन, अब ओलंपिक खत्म होने के बाद डॉक्टर्स की टॉप टीम उनका इलाज करेगी।

हार्निया क्या है?

हमारे पेट के ऊपर एक परत होती है, इस परत के अंदर कोई छेद हो जाए। या पहले से अगर कोई छेद है और उसका साइज बड़ा हो जाए। तब पेट के अंदर मौजूद आंत या आंत के ऊपर जो चर्बी है, वो बाहर आने लगती है। इसी को हर्निया कहते हैं। 
हर्निया होने की वजह हमारे पेट की अंदरूनी परत (एब्डॉमिनल वॉल) का कमज़ोर होना है। ये परत हमारे आंतों के बाहर होती है। जब ये कमज़ोर होती है तो बाहर की ओर बढ़ने लगती है। इसके साथ छोटी या बड़ी आंत भी बढ़ने लगती है। इसमें जांघ के ऊपर, पेट, कमर या नाभि के आस-पास उभार आ जाता है। हर्निया गंभीर बीमारी तो नहीं है। लेकिन, समय पर उपचार न हो तो सर्जरी तक करनी पड़ती है।

हर्निया के प्रकार

हर्निया कई तरह का होता है। जैसे पेट और जांघ के बीच में इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia) होता है। यही वाला नीरज चोपड़ा को भी है। हर्निया अगर नाभि के पास हो तो उसे अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia) कहते हैं। अगर यह किसी बड़ी सर्जरी के बाद हो तो उसे इंसिज़नल हर्निया (Incisional Hernia) कहते हैं।

हर्निया के लक्षण 

पेट के ऊपर सूजन आना, नाभी के ऊपर सूजन आना, पहले से ऑपरेशन की वजह ने सूजन आना, सूजन के बाद इसमें दर्द होने लगता है।

इसके बचाव और इलाज क्या है?

अगर डायबिटीज या थायरॉइड जैसी बिमारी है तो उसका इलाज कराएं। लगातार कब्ज से इंट्रा-एब्डोमिनल प्रेशर बढ़ जाता है। यानी पेट के अंदर का दबाव। इस वजह से पेट की परत कमज़ोर हो जाती है और फिर हर्निया हो सकता है। इसका उपचार सर्जरी से भी किया जा सकता है।


(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें)
 

 

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