Nuh News : नूंह हिंसा की जांच में जुटी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के सामने 31 जुलाई को भी कांग्रेस के विधायक मामन खान नहीं पुहंचे। मामन खान को नगीना थाना में बुलाया गया था, उन्होंने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला दिया। वहीं मामन खान को लेकर मुख्यमंत्री सीएम मनोहर लाल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
पुलिस अपना कर्तव्य निभाएगी- सीएम मनोहर लाल
मामन खान के SIT के सामने पेश नहीं होने को लेकर जब मीडिया ने सीएम मनोहर लाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। अगर वे पुलिस के सामने पेश होते तो पुलिस कुछ जानकारी मांगती, अब जब वे उनके सामने पेश नहीं हुए तो पुलिस अपना कर्तव्य निभाएगी। मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।
#WATCH नूंह हिंसा मामले में हरियाणा के कांग्रेस विधायक मम्मन खान के SIT के सामने पेश नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "पुलिस काम कर रही है। अगर वे पुलिस के सामने पेश होते तो पुलिस कुछ जानकारी मांगती। अब जब वे उनके सामने पेश नहीं हुए तो पुलिस… pic.twitter.com/Xr0LhqVKad
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2023
मामन खान SIT के सामने नहीं हुए पेश
मामन खान को गुरुवार के दिन एसआईटी के सामने पेश होना था जिसके लिए एसआईटी ने मामन खान को 5 दिन पहले ही नोटिस भेज दिया गया था। हांलाकि विधायक मामन खान की ओर से एक मेडिकल भेजा गया है, जिसमें बताया गया कि वह वायरल बुखार से पीड़ित है। मामन खान को SIT प्रमुख और फिरोजपुर-झिरका के DCP सतीश कुमार की मौजूदगी में पूछताछ होनी थी।
बता दें कि मामन खान फिरोजपुर-झिरका सीट से कांग्रेस विधायक है। हिंसा को लेकर जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें से कुछ लोगों ने विधायक का समर्थक होने की बात पुलिस को बताई है। ऐसे में हिंसा में विधायक की संलिप्तता पर सवाल उठ रहे हैं। इसी को लेकर उनसे पूछताछ की जानी है।
31 जुलाई को हुई थी नूंह हिंसा
आपको बता दें कि नूंह में हुई हिंसा से एक दिन पहले विधायक मामन खान ने एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि मेवात के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, आप के लिए विधानसभा में लड़ाई लड़ी यहां पर भी लड़ेंगे। बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था।
नूंह में हुई हिंसा के बाद कई आरोपियों को पकड़ा गया हैं, जो विधायक मामन खान के समर्थक पुलिस की ओर से बताए गए।
बीती 31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। नूंह से शुरू हुई यह हिंसा हरियाणा के कई जिलों तक पहुंच गई थी, जिनमें गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद जिले शामिल हैं।
हिंसा की आग इतनी भयावह थी कि होमगार्ड के 2 जवानों सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हिंसा के दौरान 150 से ज्यादा गाड़ियां भी फूंक दी गई थी।