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Navratri 2022: नवरात्रि आने से पहले ही एकत्र कर लें ये पूजन सामग्री, नहीं होगी कोई भूल

Navratri 2022: नवरात्रि आने से पहले ही एकत्र कर लें ये पूजन सामग्री, नहीं होगी कोई भूल

 

नवरात्रि (Navratri) 2 अप्रैल यानी शनिवार से शुरू होने वाली है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। मां का हर एक अवतार काफी खास होता है जिनकी पूजा का भी खास ध्यान रखा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है।

नवरात्रि आने में कुछ ही दिन बाकी रह गए है। ऐसे में हर कोई मां के आगमन के वक्त किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं चाहता हैं। इसलिए पहले से ही सभी लोग पूजन सामग्री जुटा रहे हैं। लेकिन कई बार आखिरी वक्त में कुछ न कुछ या तो रह जाता है या फिर भूल जाते हैं। ऐसे में ये पूजन सामग्री की लिस्ट आपकी काफी मदद कर सकती है। 

दुर्गा पूजा के लिए ये है जुरूरी सामग्री
मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर, फूल, फूल माला, आम के पत्ते, चौकी में बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा, बंदनवार, सिंदूर, सोलह श्रृंगार (बिंदी, चूड़ी, तेल, कंघी, शीशा आदि), पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पीसी हुई हल्दी, आसन, चौकी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल,  नैवेध, जावित्री,नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि।

कलश स्थापना के लिए ये है सामग्री
पुराणों के मुताबिक मांगलिक कामों के पहले कलश की स्थापना करना शुभ बहुत माना जाता है। क्योंकि कलश में भगवान गणेश समेत नक्षत्र, ग्रह विराजमान होते हैं। इसके अलावा कलश में गंगाजल के अलावा तैतीस कोटि देवी-देवता भी विराजित होते है। इसलिए कलश स्थापना करने को काफी शुभ योग देने वाला माना जाता है। कलश स्थापना के लिए  मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, जटा वाला नारियल, जल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, एक मिट्टी का दीपक, मौली, थोड़ा सा अक्षत, हल्दी-चूने से बना तिलक आदि ले आएं।

ये है मां दुर्गा के श्रृंगार की लिस्ट
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का सोलह श्रृंगार करना भी शुभ होता है। इसलिए आप चाहे तो पहले से ही मां के सोलह श्रृंगार का समान ला सकते हैं। इसमें आप लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, काजल,  मेहंदी, महावर, शीशा, बिछिया, इत्र, चोटी, गले के लिए माला या मंगलसूत्र, पायल, नेल पेंट, लाली (लिपस्टिक), चोटी के लिए बैंड, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी, शीशा आदि श्रृंगार ले आएं। 

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