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Samriddhi Expressway प्रोजेक्ट को पूरा करने में किसका हाथ? जानिए नाम

Samriddhi Expressway प्रोजेक्ट को पूरा करने में किसका हाथ? जानिए नाम

 

Samriddhi Expressway: मुंबई और नागपुर को जोड़ने वाला 701 किलोमीटर लंबा गलियारा 'बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग' के प्रोजेक्ट को पूरा कराने में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का अहम रोल माना जाता है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव दो दशक पहले ही पड़ चुकी थी, जब इस परियोजना पर विचार किया गया। उस वक्त देवेन्द्र फडणवीस नागपुर के मेयर थे। वर्षों बाद फडणवीस की दृढ़ प्रतिबद्धता के चलते परियोजना को पूरा करने में सफलता मिली। समृद्धि एक्सप्रेस वे के जरिए पूरे महाराष्ट्र में विकास के नए रास्ते खुल रहे हैं। 

2019 में समृद्धि एक्सप्रेसवे को रफ्तार

पांच साल पहले तक समृद्धि एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को पर प्रदेश सरकार ने उदासीनता दिखाई। एमवीए के बाद जब महायुति सरकार का गठन हुआ तो उसके बाद समृद्धि एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को रफ्तार मिली। 2019 के आसपास भूमि अधिग्रहण और वित्त पोषण सहित सभी औपचारिकताएं तेजी से पूरी हुईं, जिससे निर्माण के लिए मंच तैयार हुआ। पहला 520 किलोमीटर का चरण 11 दिसंबर, 2022 को पूरा होने के साथ जनता को समर्पित किया गया। ये नागपुर से शिरडी को जोडने वाला मार्ग था, जिससे यात्रा के समय में काफी कटौती हुई। इसके अलावा 80 किमी की दूरी तय करने वाले दूसरे चरण का उद्घाटन मई 2023 में किया गया।

नागपुर मुंबई के बीच 8 घंटे कम होगा ट्रेवल टाइम

इगतपुरी को मुंबई से जोड़ने वाला अंतिम खंड 701 किलोमीटर मार्ग जल्द ही पूरा किया जाएगा। इससे नागपुर और मुंबई के बीच यात्रा लगभग आठ घंटे कम हो जाएगी। छह सुरंगों वाले इस एक्सप्रेसवे में कसारा घाट पर 7.7 किलोमीटर की प्रभावशाली जुड़वां सुरंग शामिल है, जो महाराष्ट्र की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है।

तीन अभ्यारण्यों से गुजरता है ये मार्ग

यह मार्ग 310 मीटर के पुल के साथ तीन वन्यजीव अभयारण्यों, 35 पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों और वर्धा नदी सहित सुंदर परिदृश्यों से होकर गुजरता है। एक्सप्रेसवे 10 प्रमुख जिलों सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से 14 जिलों को जोड़ता है। इस एक्सप्रेस वे के जरिए पूरे महाराष्ट्र में कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है। ये मार्ग मुंबई में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह और आगामी नवी मुंबई हवाई अड्डे जैसे प्रमुख केंद्रों से भी जुड़ता है। इसके 24 इंटरचेंज औद्योगिक केंद्रों को भी ये एक्सप्रेस वे लिंक करता है।
 


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