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Maha Ashtami: जानिए मां गौरी के रूप की महिमा, माता की पूजा से होंगे ये लाभ

Maha Ashtami: जानिए मां गौरी के रूप की महिमा, माता की पूजा से होंगे ये लाभ

 

Navratri 8th day- नवरात्रि का आठवां दिन, जिसे महाअष्टमी (Maha Ashtami) या दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami) भी कहा जाता हैं।  इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां को यह नाम भगवान शिव ने दिया है। माना जाता है कि भगवान शिव को प्राप्ति करने के लिए माता पार्वति ने कठोर पूजा की थी, जिस कारण उनका शरीर पूरी तरह काला पड़ गया था। ऐसे में जब भगवान शिव ने माता की पूजा से प्रसन्न होकर मां को दर्शन दिये तो भगवान की कृपा से माता का शरीर अत्यंत गौर हो गया और मां के इस स्वरूप का नाम गौरी पड़ गया। ऐसी मान्यता है कि माता सीता ने भी त्रेतायुग में भगवान राम की प्राप्ति के लिए शिव की ही पूजा की थी।

पूजा विधि-  
इस दिन सुबह-सुबह स्नान आदि करने के बाद मां दुर्गा की षोडशोपचार विधि से पूजा की जाती है। मां गौरी की पूजा करते समय पीले या सफेद वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें। तत्पश्चात मां को श्वेत या पीले फूल और मिठाई अर्पित करें और इनके मंत्रों का जाप करें। यदि पूजा मध्य रात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा लाभकारी होंगे। अष्टमी तिथि के दिन मां गौरी को नारियल का भोग लगाया जाता है जिससे मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं।  

पूजा के लाभ:
मां गौरी का रंग श्वेत है ऐसे में श्वेत रंग के वस्त्रों को धारण कर मां का ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से विवाह से संबंधित सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा वर मिलता है। साथ ही शुक्र से सम्बंधित सभी समस्याएं का भी आसानी से निवारण हो जाता है। मां की आराधना करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

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