लखनऊ (Lucknow) के गोसाईगंज शिवलर (Gosainganj Shivlar) स्थित सुफ्फामदीनतुल उलमा मदरसे (Suffamdintul Ulama Madrasa) में छात्र भाग ना जाए, इसलिए उनके पैरों में बेड़ियां डाल कर रखा गया था। शुक्रवार को दो छात्र मदरसे से भाग कर अपने गांव में पहुंच गए। बच्चों के पैर में जंजीर पड़ी देख ग्रामीणों ने उन्हें रोक लिया। छात्रों ने मदरसा के शिक्षकों पर उन्हें बेंत से पीटने और पैर में जंजीर बांध कर रखने का गंभीर आरोप लगाया। मासूमों के साथ हुई बर्बर व्यवहार की सूचना ग्रामीणें ने ही तुरंत ही पुलिस को दी। कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना कर भी सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल कर दिया था। गोसाईंगंज पुलिस का इस पर कहना है कि परिवार वालों ने मदरसे के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने की बात कही है। ऐसे में अगर कोई तहरीर मिलती है तो उस पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पढ़ाई नहीं करने पर मिलती थी पिटाई
गोसाईगंज रनियामऊ निवासी शेरा का बेटा शहबाज और बाराबंकी जरमामऊ निवासी राजू दोनों उस मदरसे में पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ही बच्चे शुक्रवार को मदरसे से अचानक बाहर भाग आए थे। इस दौरान उनके पैरों में जंजीर बंधी हुई थी। जिसमें ताला लगा हुआ था। शहबाज और राजू रोते हुए ही गांव के पास पहुंचे। उनके शरीर पर चोट के कई निशान थें। उसी दौरान ग्रामीणों की नजर उन दोनों मासूमों पर पड़ी। पूछे जाने पर शहबाज और राजू ने सुफ्फा मदीनतुल उलमा मदरसे के शिक्षकों पर आरोप लगाए। इंस्पेक्टर गोसाईगंज शैलेंद्र गिरि के अनुसार, शहबाज के पिता शेरा को इसकी सूचना दी गई थी। जिसके बाद वह भागे-भागे थाने आए थे। शेरा ने पुलिस को इस बारे में बताया कि शहबाज पढ़ाई नहीं करता है। वह पहले भी दो बार मदरसे से भागने की कोशिश कर चुका है। इसलिए उन्होंने ही शिक्षकों को शहबाज के साथ इस तरह की सख्ती बरतने के लिए कहा था। इंस्पेक्टर के मुताबिक, शेरा ने मदरसा शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया। वहीं, बाराबंकी निवासी राजू के पिता ने भी फोन पर मदरसे के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया है।
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