होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

जानें हरियाणा सरकार ने क्यों लगाया सूखे चारे के ट्रांसपोर्ट पर बैन?

जानें हरियाणा सरकार ने क्यों लगाया सूखे चारे के ट्रांसपोर्ट पर बैन?

 

हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने सूखे चारे के ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) पर रोक लगा दी गई है। अब न तो जिले के अंदर इसका ट्रांसपोर्ट किया जा सकेगा और न ही जिले के बाहर। अधिकारियों ने इस पर तर्क दिया है कि पहले स्थानीय मांग की पूर्ति बहुत जरूरी है। सरकार के इस फैसले पर किसान समूहों और विरोधी राजनीतिक पार्टियों ने ऐतराज जताया है।

बता दें कि हरियाणा (Haryana) में चारे के परिवहन पर अलग-अलग प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। फतेहाबाद और सिरसा में चारे के ट्रांसपोर्ट पर बैन लगा दिया गया है। इतना ही नहीं ईंट-भट्ठा और गत्ते की फैक्ट्रियों के लिए गेहूं, धान, सरसों और गौर के भूसे से बने सूखे चारे की जिला के अंदर बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

इस पर फतेहाबाद (Fatehabad) के किसान नेताओं ने यह दावा किया कि सरकार ने जिले की सीमा पर करीब 100 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी प्रतिबंधित कर दिया है। अंबाला (Ambala) और यमुनानगर (Yamunanagar) समेत अन्य जिलों के प्रशासन ने भी अब राज्य के बाहर चारे की ढुलाई पर बैन लगा दिया है।

बैन पर बोले अधिकारी
पशुओं के लिए चारे के ट्रांसपोर्टेशन पर बैन को लेकर अधिकारियों का कहना है कि अगर जिले से बाहर पशुओं को चारे की आपूर्ति की जाएगी तो जिले में चारे की कमी होने की संभावना है। बारिश के अभाव में भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है। ऐसी स्थिति में सूखाग्रस्त इलाकों में चारे की बहुत ज्यादा जरूरत होगी। बुरी स्थिति न आए इसलिए बैन लगाने की जरूरत है।

वहीं, इस पर हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल (JP Dalal) ने कहा कि स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ चारे के अंतरराज्यीय परिवहन पर बैन लगाया गया है। हम राज्य के अंदर चारे के ट्रांसपोर्ट को बिल्कुल नहीं रोकेंगे। राज्य की जरूरतों की पूर्ति के बाद अंतरराज्यीय प्रतिबंधों को भी जल्द हटा दिया जाएगा।

जानें क्यों नाराज हैं किसान?
किसान जिले के अंदर ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंध से नाराज हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसान संघर्ष समिति (Kisan Sangharsh Samiti) का कहना है कि फतेहाबाद जिले में गेहूं के चारे से लदी लगभग 100 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जिले से बाहर ले जाने से मना कर दिया गया है। स्थानीय गौशालाओं में चारे के ट्रांसपोर्टरों को सस्ते दामों पर चारा उतारने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिस चारे की कीमत करीब 810 रुपए प्रति क्विंटल है प्रतिबंध के कारण ट्रांसपोर्टरों को मजबूरन उसी चारे को 500 रुपए क्विंटल की दर से गोशालाओं को देना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर सोमवार को किसानों ने फतेहाबाद डीसी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था।

यह भी पढ़ें- रेवाड़ी में बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट, आरोपी गिरफ्तार


संबंधित समाचार