हरियाणा (Haryana) के पानीपत (Panipat) में गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व (400th Prakash Parv of Guru Tegh Bahadur Ji) के समागम में आज यानी रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने गुरु साहिब के त्याग और बलिदान को याद करते हुए कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर आयोजित कार्यक्रम स्थल का नाम श्री गुरु तेग बहादुर (Shri Guru Tegh Bahadur) के नाम पर करने की घोषणा की। इसके अलावा जिस रास्ते से आज गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आई, उस रास्ते का नामकरण भी श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग के नाम से किये जाने का ऐलान किया। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि यमुनानगर (yamunanagar) में बनने जा रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम भी श्री गुरु तेग बहादुर के नाम पर ही रखने का फैसला लिया गया है। जल्द ही इस कॉलेज का शिलान्यास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य घोषणा करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने लड़ते समय जिन शस्त्रों का इस्तेमाल किया था, देशभर में उनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने यह निर्णय लिया है कि इन शस्त्रों को लेकर जाने वाला वाहन खुद हरियाणा सरकार (Hayrana Govt) अपनी तरफ से भेंट देगी।
अपने संबोधन से पहले मुख्यमंत्री ने मुख्य पंडाल में पहुंचकर सबसे पहले गुरु ग्रंथ साहिब जी (Guru Granth Sahib Ji) के सामने अपना सर झुकाया। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पहुंची लाखों की संगत का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान दिया था। आज उनके 400वें प्रकाश पर्व को आजादी के अमृत महोत्सव (Aazadi ke Amrit Mohatsav) के अंतर्गत मनाया जा रहा है। इस समागम का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, बलिदान, संघर्ष की गाथा जन-जन तक पहुंच सके और हमारी आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा लें पाएं।
गुरुओं ने देश की रक्षा के लिए दिया बलिदान
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुरुओं ने समाज और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। जब 500 कश्मीरी पंड़ितों का जत्था श्री गुरु तेग बहादुर जी के पास आनंदपुर साहिब पहुंचा। उन्होंने औरंगजेब के अत्याचार के बारे में गुरु साहिब को बताया। तब गुरु साहिब जी ने कहा कि समय आ गया है जब किसी महापुरुष को अपना बलिदान देना होगा। इस पर गुरु साहिब के पुत्र गोबिंद (Guru govind Singh) ने कहा कि पिता जी आपसे बड़ा बलिदानी कौन होगा। इसके बाद गुरु साहिब जी ने औरंगजेब (Aurangzeb) को चुनौती दी। औरंगजेब ने गुरु साहिब को घोर यातनाएं दी और उनका शीश धड़ से अलग कर दिया। गुरु साहिब जी ने देश-धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भी दो दिन पहले श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में शीश नवाते हुए उनके 400वें प्रकाश पर्व का जश्न मनाया था।
देश के नायकों को याद रखना है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगे कहा कि देश में नायक भी हुए हैं और खलनायक भी, लेकिन हमें हमेशा नायकों को याद रखना होगा। श्री गुरु तेग बहादुर जी एक महान नायक थे और औरंगजेब एक खलनायक। इसी तरह त्रेता युग में रावण एक खलनायक था और प्रभु श्री राम नायक। इन महापुरुषों ने अत्याचार, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए किसी से कोई समझौता नहीं किया। सभी गुरुओं और महापुरुषों ने सर्व समाज को हमेशा इसी रास्ते पर चलने की राह दिखाई है।
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