होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

आंखों को रगड़ने से कार्निया डैमेज, इन्फेक्शन से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

आंखों को रगड़ने से कार्निया डैमेज, इन्फेक्शन से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

 

आंख हमारे शरीर का सबसे जरुरी अंगों मे से एक हैं। जिसकी मदद से हम दुनीया देख पाते हैं। हमारी आंखे बहुत सेंसटिव होती हैं।
बारिश के मौसम में आंखों में इन्फेक्शन या आई फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि इस मौसम में हवा में फंगस इन्फेक्शन फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। अधिकांश लोग इन्फेक्शन या एलर्जी के कारण आंखें रगड़ने लगते हैं। इससे कुछ देर के लिए बहुत अच्छा महसूस हो सकता है। लेकिन बार-बार ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। ज्यादा तेजी से आंखों को रगड़ने से कॉर्निया डैमेज हो सकता है।

आंखों के रगड़ने से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं?

जो बच्चे आंखों को ज्यादा रगड़ते हैं, उनके कॉर्निया का आकार बदल जाता है। आंखों की ब्लड वेसल्स बहुत नाजुक होती हैं। आंखों के रगड़ने से वेसल्स टूटने लगती है। जिससे आंखों की सफेद परत पर खून आने लगता है और आंख लाल पड़ जाती है। इसके अलावा बच्चों के बार-बार आंखों को रगड़ने से डार्क सर्कल आने लगते हैं।

वहीं एडल्ट के बार-बार आंखों को रगड़ने से केराटोकोनस नाम की बीमारी हो सकती है। इसमें कार्निया की सतह अनियमित और पतली हो जाती है। आंख में एक शंकु के आकार का उभार शुरू हो जाता है। जिससे देखने में दिक्कत हो सकती है।
इसके साथ उम्र के बढ़ने के साथ आंखों को बार-बार मलने से आई-लिड की समस्या हो सकती है। इसमें एंट्रोपियॉन(Entropion) और एंट्रोपियन (ectropion) की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में पलक अंदर की ओर मुड़ जाते हैं। आमतौर पर यह समस्या 40 की उम्र के बाद देखने को मिलती है क्योंकि इस उम्र के बाद पलकों की स्किन सिकुड़ने लगती है।

आंखों को एलर्जी न हो उसके लिए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

आमतौर पर धूल-मिट्टी या ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से आंखों में एलर्जी होती है। जिसके कारण लोग आंखों को रगड़ने लगते हैं।

आंखों से पानी आना, पलकों का ड्राई होना या आंखों का लाल होना जैसी किसी स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।


स्क्रीन से कुछ देर का ब्रेक लें

लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल की स्क्रीन पर लगातार टकटकी लगाकर देखने से आंखों पर खिंचाव पड़ता है। जिससे आंखें ड्राई होने लगती है और बार-बार रगड़ने का मन करता है। इससे बचने के लिए आंखों को कुछ देर के लिए आराम दें और 20-20 के नियम को फॉलो करें। यानी हर 20 मिनट में अपनी स्क्रीन से नजर हटाएं और 20 फीट दूर रखी किसी चीज कर कुछ देर देखें। इससे आंखों को पर्याप्त आराम मिलेगा।

लगातार पलक झपकाएं

पलकें झपकाना एक नेचुरल क्रिया है। इससे आंखें नम और स्वस्थ बनी रहती हैं। लेकिन जब हम लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन लगातार देखते हैं तो हमारी आंखें कम झपकती हैं, जिससे आंखें ड्राई हो जाती हैं। इसलिए आंखों की देखभाल के लिए नियमित पलक जरूर झपकानी चाहिए। इससे आंखों को पर्याप्त आराम मिलता है और प्रेशर भी नहीं पड़ता है।

धूल-मिट्टी से बचाएं

हवा में मौजूद धूल-मिट्टी की वजह से आंखों में जलन, दर्द, खुजली की समस्या हो सकती है। इसलिए बाहर निकलते समय सनग्लासेस का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ आंखे धूल-मिट्टी से बचेंगी बल्कि धूप की वजह से ड्राई भी नहीं होंगी।

पर्याप्त नींद जरूर लें

पर्याप्त नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। पर्याप्त नींद लेने से आंखों को आराम मिलता है। जिन लोगों को ड्राई आंखों की समस्या है उन्हें नींद के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।
आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए खाने-पीने का रखें ध्यान

आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए अपनी डाइट में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड शामिल करें। इसके लिए गाजर, चुकंदर, शिमला मिर्च, मूली और हरी सब्जियों को खूब खाएं। इसके साथ ही हर रोज 2 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं। जब आंखे हाइड्रेट रखेंगी तो आंखों में खुजली या जलन की परेशानी कम होगी।

यह भी पढ़ें- ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को हुआ इनगुइनल हर्निया, सर्जरी करवाने जा रहे विदेश


संबंधित समाचार