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Himachal Monsoon Session: जयराम ठाकुर बोले- आपदा राहत के नाम पर मीडिया में झूठी वाहवाही लूट रहे CM

Himachal Monsoon Session: जयराम ठाकुर बोले- आपदा राहत के नाम पर मीडिया में झूठी वाहवाही लूट रहे CM

 

हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार आपदा राहत में पूरी तरह फेल रही है। लोगों को न तो त्वरित सहायता ही मिल पाई और नहीं बाद में अपेक्षित सहायता मिल रही है। आपदा में 439 लोगों की जान चली गई। इस दौरान उन्होंने सभीमृतकों को श्रद्धांजलि दी।

जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए सरकार की कोई तैयारी नहीं थी। सरकार द्वारा आपदा के पहले हाई लेवल मीटिंग तक नहीं हुई। जिसमें आपदा से निपटने की प्लानिंग हो सके। आपदा आने के बाद भी सरकार का क्या प्रबंधन रहा है, इसे पूरे प्रदेश ने देखा है। अभी भी बहुत से प्रभावित हैं जिन्हें आर्थिक सहायता तो दूर तिरपाल तक नहीं मिल पाई है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने आपदा के समय में भी खुद से ही तिरपाल खरीदे हैं। बस देश भर में घूम कर मुख्यमंत्री आपदा राहत के नाम पर मीडिया में झूठी वाहवाही लूट रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार कह रही है कि हम राहत का काम कर रहे हैं लेकिन सत्य यही है कि जिनके घर उजड़ गए, खेत बह गये, सरकार उन्हें तिरपाल तक नहीं दे पाई। सरकार ने एडवांस में तिरपाल तक नहीं खरीदा था। लोगों के पास गाह गए और और लोग तिरपाल के लिए लाइन में लगे हैं।

उन्होंने आगे कहा, " पूरे दिन के इंतज़ार के बाद बताया जा रहा हैं कि तिरपाल नहीं हैं। सरकार ने इस प्रकार का आपदा प्रबंधन का काम किया है। सरकार को ज़मीनी हक़ीक़त के बारे में बात करनी होगी। हज़ारों लोग बेघर हैं। उनका दर्द अनसुना नहीं कर सकते हैं।"

जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब के सीजन में सड़कें बंद होने की वजह से सेब लोगों के घरों में सड़ गए। सरकार सड़कें समय से सही नहीं करवा पाई। जब किसी ने अपने सड़ते हुए सेब को फेंक दिया तो पुलिस उसे थाने में बुलाकर धमकाती है और सरकार उस पर एक लाख का जुर्माना लगा देती है।

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में छोटा-बड़ा, कच्चा-पक्का मकान सबके पास था। कोई भी बेघर नहीं था लेकिन इस आपदा की वजह से हज़ारों लोगों के घर चले गए। लोग बेघर हो गये। लोगों के खेत बह गए, बगीचे बह गए।

जयराम ठाकुर ने कहा, "लोग घर के बदले घर और जमीन के बदले ज़मीन की मांग कर रहे हैं। दो महीनें से ज़्यादा का समय हो गया लेकिन अभी तक सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं हैं। सरकार को पता नहीं है कि लोगों को घर के लिए कहां ज़मीन देनी है। खेत के लिए कहां ज़मीन देनी हैं। सरकार के पास इन सवालों के कोई जवाब नहीं हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। राज्य सरकार लोक सभा चुनाव नज़दीक आते देखकर केंद्र सरकार के ऊपर सारा दोष मढ़ना चाहती है। पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसा नहीं हो पाएगा। प्रदेश के लोग सब जानते हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने भरपूर मदद की है। आगे भी मदद करेगी। केंद्र सरकार ने प्रदेश का सहयोग करने से मना नहीं किया है। राज्य सरकार ने रिपोर्ट्स भेजी है। केंद्र सरकार की टीमें आकर नुक़सान का आंकलन करके गई है। आपदा प्रबंधन का जो पैसा नवम्बर-दिसंबर तक आता है। वह पैसा अगस्त में ही आ गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री ने कहा कि हर काम के लिए केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, लेकिन ख़ुद क्या किया है यह नहीं बता रही है। अगर सब कुछ केंद्र सरकार को करना है तो राज्य सरकार का क्या काम है।

उन्होंने आगे कहा कि आपदा राहत के नाम पर केंद्र से आये पैसे को सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं बल्कि कांग्रेस के नेताओं के बेटे-बेटियां और पत्नी बांट रहे हैं। यह कैसी व्यवस्था है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ जब लोगों ने ख़ुद चंदा इकट्ठा करके सड़के सही करवाई। क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है, जिसकी बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ जी कर रहे थे। 
 

 


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