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Himachal:हिमाचल में बाढ़-बारिश का कहर, कुल्लू में 7 इमारतें धराशायी, लोगों में दहशत

Himachal:हिमाचल में बाढ़-बारिश का कहर, कुल्लू में 7 इमारतें धराशायी, लोगों में दहशत

 

Himachal Pradesh:हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के आनी में 7 बिल्डिंगों के ढहने की खबर सामने आई है। ये हादसा आज सुबह 9 बजकर 30 मिनट का बताया जा रहा है। राहत की बात ये है कि अब तक बिल्डिंग के गिरने से किसी जान के नुकसान की सूचना नहीं है क्योंकि इमारतों को पहले ही खाली करा दिया गया था। बताया जा रहा है कि आनी बस स्टैंड में दो अन्य बिल्डिंगों ने अपनी पोजीशन बदल दी है और उनके भी जमींदोज होने के आसार हैं और वो कभी गिर सरकी है। जबकि 2 से 3 और बिल्डिंग भी खतरे में है।

 

हादसे का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि कई लोगों ने हादसे के दौरान बस स्टैंड से भागकर और कूदकर अपनी जान बचाई। SDM आनी नरेश वर्मा ने बताया कि तीन बिल्डिंग आगे की और चार बिल्डिंग पीछे पहाड़ी की गिर गई है, जबकि कुछ मकानों के गिरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि सभी भवनों को पहले ही खाली करवा दिया गया था। फिलहाल हादसे के बाद वहां का स्थानीय प्रशासन मौके पर हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।

वहीं हादसे के बाद एक जानकारी सामनेआई है कि इनमें सात से 11 जुलाई के बीच की भारी बारिश से ही दरारें पड़नी शुरू हो गई थी। इस खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने इन्हें पहले ही खाली करवा दिया था और भवन मालिकों को मकान खाली करने के नोटिस दे रखे थे। मगर, उस दौरान पहाड़ी में सबसे ऊपर बने मकान के गिरने का किसी को अंदेशा नहीं था। इनमें भी दरारें पड़नी शुरू हो गई थी। लिहाजा लोगों ने इन्हें भी खुद ही खाली कर दिया था।

पहाड़ों पर 2255 मकान ध्वस्त
हादसे के बाद लोगों में दहसत देखी जा रही है। खासकर जिनके मकान इस बिल्डिंग के साथ बने हैं, वह नुकसान को लेकर ज्यादा चिंतिंत हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश से 23 मकान जमींदोंज हुए है, जबकि 108 को नुकसान पहुंचा है। अकेले शिमला शहर में 25 से ज्यादा घर असुरक्षित हो गए। इस वजह से 55 से ज्यादा परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।

प्रदेशभर में भारी बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और जमीन धंसने से इस मानसून में 2255 घर ध्वस्त हुए हैं, जबकि 9865 घरों को नुकसान पहुंचा है। कई परिवार बेघर हुए हैं, जबकि कई परिवार जान जोखिम में डालकर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे हैं। 


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