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यूक्रेन से भारत लौटी हरियाणा की बेटी, कहा - भारतीय झंडा देख हंगरी तक किसी ने नहीं रोकी बस

यूक्रेन से भारत लौटी हरियाणा की बेटी, कहा - भारतीय झंडा देख हंगरी तक किसी ने नहीं रोकी बस

 

यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) की जंग के बीच हरियाणा (Haryana) के पानीपत (Panipat) में तहसील कैंप की रहने वाली लीशा वर्मा मंगलवार को सुरक्षित यूक्रेन से अपने घर पहुंची। लीशा ने भारत वापस आने के बाद बताया कि वहां बस पर भारत का एक झंडा लगा हुआ था। जिसमें बैठाकर उन्हें हंगरी बॉर्डर (Hungary border) तक लाया गया। हंगरी आने के बाद उन्होंने फ्लाइट पकड़ी और भारत लौट पाई। इस सब में भारतीय दूतावास ने उसकी बहुत मदद की, उन्हीं की वजह से वह अपने घर पहुंच पाई है।

लीशा ने आगे बताया कि बस पर भारतीय झंडा लगा होने के कारण किसी ने भी हंगरी तक उन्हें नहीं रोका। इससे विद्यार्थियों की जान जाने से बची। उसने बताया कि वहां की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। वहां मौजूद सभी छात्र मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। बंकर में दिनभर भूखे-प्यासे अपनी जान बचाते छिपकर रहे हैं। लीशा ने भारत सरकार से यह मांग की है वह जल्द से जल्द भारतीय छात्रों को वापस स्वदेश ले आए।  

पिता के साथ मिलकर यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों का बनाया ग्रुप
लीशा ने घर आते ही सबसे पहले अपने पिता के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जिसमें उन्होंने यूक्रेन में सभी फंसे भारतीय छात्राओं का जोड़ा। इस ग्रुप से वह उनसे वहां की पल-पल की खबर ले रहे हैं। लीशा का कहना है कि वह सारी अपडेट लेकर भारतीय दूतावास को देंगी ताकि वह छात्रों को ढूंढकर उन्हें आसानी से वापस ला सके। बता दें कि लीशा MBBS की तीसरे वर्ष की छात्रा हैं।

लीशा ने बताया कि जब यूक्रेन और रूस के बीच में तनाव युद्ध में बदल गया तो वह हर दिन डर के साये में जी रहे थे। खाने-पीने के सामान तक के लिए उन्हें घंटों कतार में लगना पड़ता था। इतना ही नहीं वहां आलम यह था कि इंडियन कार्ड से पैसे निकलना भी पूरी तरह से बंद हो गया था। लीशा ने बताया कि रूस के हमले के बाद यूक्रेनी सैनिक भारतीय छात्रों को बोलते थे कि अभी इंडिया जाने की जरूरत नहीं है, यहीं रहो। फिलहाल लीशा अपने देश सुरक्षित पहुंच चुकी है पर उसे अपने साथियों की काफी चिंता हो रही है, जो वहां उनके साथ पढ़ाई करने के लिए वहां गए थे और अभी भी वहां युद्ध के बीच फंसे हुए हैं।

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