भूपेंद्र हुड्डा के खेमे से उदयभान (Udaybhan) को बुधवार को हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। उदयभान को जैसे ही कमान सौंपी गई वैसे ही उनके पिता गया लाल भी चर्चा में आ गए। बता दें कि गया राम के नाम नौ घंटे में करीब तीन पार्टियां बदलने का रिकॉर्ड है। आया राम, गया राम की कहावत को जन्म देने वाले वही हैं।
साल 1967 में गया लाल पहली बार हसनपुर सीट से विधायक चुने गए थे। बतौर आजाद उम्मीदवार उन्होंने 360 वोट से जीत हासिल की थी। हरियाणा गठन के बाद हुए इस पहले चुनाव में गया लाल के साथ करीब 16 आजाद विधायकों को चुना गया था, जो आज भी रिकॉर्ड बना हुआ है। उस समय प्रदेश में कुल 81 विधानसभा क्षेत्र थे। 48 सीट पर कांग्रेस ने बाजी मारी थी। भारतीय जनसंघ के 12 और स्वतंत्र पार्टी के तीन विधायकों को चुना गया था।
इसी के साथ मार्च 1967 में भगवत दयाल शर्मा (Bhagwat Dayal Sharma) मुख्यमंत्री बने। इसके कुछ समय बाद ही शर्मा का सिंहासन धीरे- धीरे डोलने लगा। राव बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के विधायकों को तोड़ रहे थे। राव कांग्रेस से बागी होकर संयुक्त मोर्चे की अगुवाई में जुटे हुए थे। इसी बीच हरियाणा ही नहीं देश की राजनीति में गया लाल चर्चा में आए। दरअसल इस दौरान पहले वह कांग्रेस से युनाइटेड फ्रंट में शामिल हो गए। फिर कांग्रेस में वापस लौटे और फिर नौ घंटे के अंदर ही युनाइटेड फ्रंट में वापस चले गए। इतना ही नहीं वह राव के कहने पर दोबारा कांग्रेस में आ गए। इस पर चंडीगढ़ में राव बीरेंद्र ने गया लाल को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि गया राम अब आया राम हो गया हैं। तभी से हरियाणा में दल-बदल का दौर शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है।
भूपेंद्र हुड्डा गुट से हैं उदयभान
उदयभान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) खेमे के हैं। लंबे समय से हुड्डा गुट अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा था। आखिरकार बुधवार को उनकी यह मांग पूरी हो गई। पिछले सप्ताह ही कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात कर प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था और सोनिया गांधी ने इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया था। जिसके बाद उदयभान को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
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