हरियाणा और पंजाब (Haryana and Punjab) के बीच दशकों से सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर विवाद होता आया है। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह हरियाणा और पंजाब के साथ बैठक करके इस मुद्दे का हल निकाले। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज हरियाणा के हिसार पहुंचकर पंजाब के CM भगवंत मान के साथ मिलकर इस मुद्दे को बहुत महत्वपूर्ण बताया है।
पंजाब और हरियाणा दोनों जगह ही पानी की काफी कमी है। केंद्र सरकार को हरियाणा और पंजाब को पानी दिलाने के लिए कुछ करना चाहिए। केंद्र सरकार (Central government) का काम दोनों राज्यों को आपस में लड़वाना नहीं है बल्कि समाधान का हल निकालना है। केजरीवाल का कहना है कि अगर केंद्र सरकार जिम्मेदारी ले तो हरियाणा और पंजाब को पानी मिल सकता है। हम 130 करोड़ लोगों को जोड़ना चाहते है आपस में लड़ना नहीं। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह दोनों राज्यों के लिए पानी की व्यवस्था करें। यदि उनके पास हल नहीं है तो मुझे चाय पर बुला लें। मैं उन्हें समाधान बता दूंगा। इन जटिल समस्याओं के समाधान प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं निकलते हैं। आगे केजरीवाल पूछते है कि एसवाईएल (SYL) मुद्दे पर हरियाणा भाजपा और पंजाब भाजपा क्या रुख अपनाएंगी साथ ही हरियाणा कांग्रेस और पंजाब कांग्रेस का इस मुद्दे पर क्या कहना है।
इस पर पंजाब के सीएम भगवंत मान का कहना है कि मुझे हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिलने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को समाधान निकालना होगा। केंद्र सरकार हमें लड़ाने की बजाय समाधान निकाले। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा को पूरा पानी भी मुहैया कराएं।
हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग होकर 1981 में विवादास्पद जल-बंटवारा समझौता अस्तित्व में आया। एसवाईएल नहर लिंक (canal link) की परिकल्पना पानी के प्रभावी आवंटन के लिए ही की गई थी। इसका निर्माण 214 किमी किया जाना था जिसके अंदर 92 किमी हरियाणा और 122 किमी पंजाब में निर्माण होना था। पंजाब ने प्रारंभिक चरण के बाद काम बंद कर दिया और हरियाणा ने अपने हिस्से में नहर का निर्माण किया। दशक से यह मुद्दा दोनों राज्यों के बीच बड़े विवाद का विषय बना हुआ है।
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