Haryana Election 2024: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जमानत पर जेल से बाहर आने से हरियाणा के चुनावी रण में उतरी उनकी पार्टी को बड़ी ताकत मिल सकती है। केजरीवाल का चुनाव प्रचार राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए नुकसानदायक और सत्तारूढ़ भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। चलिए जानते हैं कैसे?
कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की स्थिति में जिस वोट बैंक का नुकसान भाजपा को होता, वह अब इन दोनों दलों में बंटने की स्थिति बन चुकी है। अरविंद केजरीवाल जेल में थे तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा में मोर्चा संभाले रखा।
केजरीवाल ने 156 दिन काटी जेल
अरविंद केजरीवाल को सिविल लाइंस स्थित उनके आवास से 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद एक अप्रैल को उनको तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में जेल में ही 26 जून को सीबीआई ने इसी मामले में पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। करीब 51 दिन बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन के लिए अंतरिम बेल दी थी। मकसद लोक सभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने का था।
दो जून को केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से सीधे अगर शुक्रवार 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हो रही होती तो उनको 177 दिन में काटने पड़तते। लेकिन 21 दिन की रिहाई को कम करने से जेल में रहने वाले दिनों की संख्या 156 दिन बैठती है।
अरविंद केजरीवाल पर लगाई गई शर्तें
- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे।
- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक एलजी की ऐसा करना जरूरी न हो।
- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे।
- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे।
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे।
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
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