Hariyali Amavasya 2024: सावन का महीने चल रहा है, वहीं आज अमावस्या तिथि भी है कि बहुत खास है। सावन महीने में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित कर पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का निवास होता है।
वहीं अमास्या तिथि को पितृ श्राद्ध, दान, होम और देव पूजा और वृक्षारोपण आदि शुभ कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बताया गया है जिसे हरियाली अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन से दुख कम होते हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं आज के दिन का महत्व और किन चीजों का करें दान...
हरियाली अमावस्या का महत्व
अमास्या तिथि को पितृ श्राद्ध, दान, होम और देव पूजा और वृक्षारोपण आदि शुभ कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति इस दिन पितृों को श्राद्ध देता है उसे पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों की शांति के लिए पूजा पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
इन चीज़ों का करें दान
- हरियाली अमावस्या के दिन सफेद चीजों का दान करना शुभ माना गया है। सफेद चीजों में सफेद वस्त्र, चावल, शक्कर का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान शिव की अपार कृपा बरसती है और सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान करें। इसके अलावा श्रावण अमावस्या के दिन जिन भी चीजों का दान करें, उस समय हाथ में तिल लेकर ही दान करें। इससे ये चीजें अति शीघ्र पितरों को प्राप्त होती है और वंशजों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- मान्यताओं के अनुसार पितरों का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए चांदी से बनी वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है तो ऐसे में इससे मुक्ति पाने के लिए हरियाली अमावस्या पर छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, साबुत उड़द, बर्तन का दान भी कर सकते हैं।
हरियाणी अमावस्या के दिन क्या न करें-
- पितृ दोष के भयानक दुष्प्रभाव से बचने के लिए अमावस्या के दिन नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए।
- इसके अलावा बाल भी नहीं धोने चाहिए, ऐसा करने से कुंडली में समस्याएं हो सकती हैं।
- किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य या शुभ कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए।
- इस दिन झूठ भी नहीं बोलना चाहिए ना ही लोभ-लालच करना चाहिए। इस दिन मन में किसी के प्रति कड़वाहट या शत्रुता भी नहीं रखना चाहिए।
- इस दिन तामसिक भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। वहीं लहसुन-प्याज और नशे के सेवन से भी परहेज करें।
-आज के दिन तुलसी ,बेलपत्र, पीपल के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
इन नियमों का रखें खास ख्याल
– इस दिन सुबह ब्रम्हा मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए।
– यदि आप गंगा या पवित्र नदी तक नहीं जा सकते तो कुछ गंगा जल की बूदें स्नान के पानी में मिला कर स्नान करें।
– घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
– पितरों को श्राद्ध दें, लेकिन ध्यान रखें पितरों को जल और तिल चढ़ाते समय उनका नाम लेकर स्मरण जरूर करें।
– श्राद्ध देने के बाद गरीबों को भोजन, वस्त्र आदि दान करें।