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Gyanvapi Survey:पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद कीजिए

Gyanvapi Survey:पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद कीजिए

 

Baba Bageshwar on Gyanvapi:वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में लगातार चौथे दिन सोमवार को भी ASI का सर्वे जारी है। सोमवार ज्ञानवापी में करीब 4 घंटे तक सर्वे किया गया। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि , "सर्वेक्षण आज सुबह 11 बजे शुरू होगा और दोपहर 12:30 बजे तक चलेगा। फिर 2:30 बजे से किया जाएगा। वहीं इस बीच कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वाराणसी के ज्ञानवापी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद होना चाहिए।

 

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह शिवमंदिर है इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए। बाबा बागेश्वर ने कहा कि ज्ञानवापी जब एक शिवमंदिर है इसलिए उसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाना बंद होना चाहिए। हम सनातनी सबको साथ लेकर चलने वाले हैं। उन्होंने नूंह घटना पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि नूंह जैसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'ज्ञानवापी को मस्जिद कहना बंद कीजिए, वह शिव मंदिर है। देश का दुर्भाग्य है कि नूंह जैसी घटना हुई है। देश के हिंदुओं को ऐसा दिन देखना पड़ रहा है।'

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सोमवार को लगातार चौथे दिन भी ASI ने करीब 4 घंटे तक सर्वे किया गया। सोमवार को सावन का सोमवार होने के चलते ASI की टीम ने कुछ ही घंटे बाद सर्वे का काम किया। इससे पहले रविवार को टीम का फोकस मस्जिद के तीन गुंबदों और उसके नीचे स्थित मुख्‍य हॉल पर रहा। टेंपल आर्किटेक्‍ट की संरचना की हर पहलू से जांच के लिए मैपिंग भी की गई। इसके जरिए ASI मंदिर और मस्जिद के स्‍थापत्‍य का अध्‍ययन करेगा।

शनिवार को जिस तहखाने में सर्वे हुआ था वहां कई मशीनें लगाकर जांच की गई। उन मशीनों से भी जांच की गई जो ध्‍वस्‍त प्राचीन इमारतों की मलबे के ऊपर से बेहद सटीक मापी करने में सक्षम है। सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष के दावों और बयानों पर मुस्लिम पक्ष की कड़ी आपत्ति का असर देखने को मिला। हिंदू पक्ष के वकीलों ने बस इतना कहा कि सर्वे वैज्ञानिक ढंग से सुचारू रूप से चल रहा है।

वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण है और यह एक अधिवक्ता आयोग के सर्वेक्षण से अलग है। यह सोचना गलत है कि हर दिन कुछ नया मिलेगा क्योंकि संरचना और वास्तुकला का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन हो रहा है। जब ए.एस.आई. रिपोर्ट आएगी, फिर पता चलेगा...एएसआई की रिपोर्ट में सब कुछ आ जाएगा। पूरे परिसर पर सर्वे हो रहा है। एएसआई ने अपनी 42 सदस्यीय टीम को बांट दिया है..."  


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