ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में सोमवार को वाराणसी जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज की अदालत में सुनवाई का आदेश दिया है। अदालत को इस मामले में आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें सिर्फ जिला जज की अदालत में होने वाली सुनवाई पर ही टिकी हुई हैं।
बता दें कि सोमवार को यानी आज ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी (Maa Shringar Gauri) के दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर याचिका पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस (Dr. Ajay Krishna Vishwas) की अदालत में सुनवाई की जाएगी। जिला जज की अदालत में नागरिक प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ज्ञानवापी मामला वाराणसी की जिला अदालत को स्थानांतरण कर दिया है। शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि इस मामले की सुनवाई अनुभवी और वरिष्ठ जज करेंगे। वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Intjamiya Masjid Committee) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि शिवलिंग की सुरक्षा और नमाज की इजाजत देने का उसका 17 मई का अंतरिम आदेश पहले की तरह बरकरार रहेगा। वहीं, मस्जिद कमेटी की याचिका पर जिला अदालत में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद यानी जुलाई के दूसरे हफ्ते में करने का निर्णय किया है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) के रोजाना दर्शन और पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं द्वारा दायर किए गए वादे पर बीते आठ अप्रैल को अदालत ने अजय कुमार मिश्र (Ajay Kumar Mishra) को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
ऐसे में छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हो गई लेकिन पूरी नहीं हो पाई। क्योंकि सात मई को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग उठा दी। इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिनों से अदालत में सुनवाई की जा रही थी। गुरुवार को इस पर फैसला आया।
यह भी पढ़ें- जालौन: घर में झूला लगाते समय रस्सी में फंसी 8 साल के बच्चे की गर्दन, दम घुटने से हुई मौत