4जी के बाद अब मोबाइल इंटरनेट यूजर्स (mobile internet users) को 5जी (5G) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन सभी यूजर्स का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। केंद्र सरकार ने जल्द ही 5जी सेवाएं शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 5जी सेवाएं शुरू करने का अहम फैसला लिया है। मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट (Modi cabinet) ने 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum Auction) की नीलामी को मंजूरी दी है। जानकारों के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो देशवासियों को इस दिवाली तक 5जी टेलीकॉम सर्विस का तोहफा मिल सकेगा। 5जी सेवा को 20 साल तक चलाने के लिए सरकार जुलाई के अंत तक कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दूरसंचार विभाग के स्पेक्ट्रम नीलामी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नीलामी में सफल बोलीदाताओं को देश में जनता और उद्योग को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम लाइसेंस दिया जाएगा। इससे पहले आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी थी। देश की टेलीकॉम कंपनियां कई दिनों से 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार कर रही हैं।
नीलामी से 5 लाख करोड़ रुपये की उम्मीद
देश में दूरसंचार क्रांति नए सिरे से शुरू हो गई है। दूरसंचार मंत्रालय इस सप्ताह से इच्छुक दूरसंचार कंपनियों से आवेदन मांगना शुरू कर देगा। नीलामी की प्रक्रिया जुलाई के अंत तक शुरू हो जाएगी। स्पेक्ट्रम की कुल लागत 5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसके तहत सरकार नौ स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। यह नीलामी 20 साल के लिए होगी।
2500 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए आवेदन कर सकते हैं
इस नीलामी में टेलीकॉम कंपनियां 600 से 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड और 2100, 2300, 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए आवेदन करेंगी. भारत सरकार पहले ही उन्नत सेवाओं का परीक्षण कर चुकी है, जिसमें 5G स्पेक्ट्रम कॉलिंग और वीडियो कॉलिंग शामिल है। केंद्रीय परिवहन मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी में सफल होने वाली कंपनियों को कोई अग्रिम भुगतान नहीं करना होगा। वे 20 समान किस्तों में राशि का भुगतान कर सकेंगे। उन्हें बैंक गारंटी से भी राहत दी गई है।
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