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किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च फिर शुरू, हरियाणा ने पंजाब पुलिस से बुलडोजर जब्त करने को कहा

किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च फिर शुरू, हरियाणा ने पंजाब पुलिस से बुलडोजर जब्त करने को कहा

 

Delhi Chalo March: हरियाणा और पंजाब के बीच पड़ने वाले बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज फिर अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू कर दिया है। ऐसे में शंभू बॉर्डर पर किसान हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को हटाने के लिए खुदाई करने वाली मशीन लेकर आए हैं। कुछ किसान आंसू गैस से अपने आप को बचाने के लिए मास्क पहनकर आए हैं। इसके मद्देनजर शंभू और खनौरी सीमा पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं।  

वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों को टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

उधर, हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उन उपकरणों को जब्त करने को कहा, जिन्हें दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और प्रदर्शनकारी किसानों को ऐसे उपकरण उपलब्ध कराने के लिए इनके मालिकों को सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए। 

हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद 

वहीं, किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बड़ी संख्या में एक साथ (बल्क) संदेश भेजने की सेवाओं पर प्रतिबंध को बुधवार तक बढ़ा दिया है। आदेश के अनुसार, जिन जिलों में पाबंदी लगायी गयी हैं वे अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा हैं।

बता दें कि हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। 

किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक पांच फसलें- मूंग दाल, उड़द दाल, तुअर दाल, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी। प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने इस पेशकश को औपचारिक रूप से ठुकरा दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है। इससे पहले किसान नेताओं ने 8, 12, 15 और 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय के साथ चार दौर की वार्ता की लेकिन यह बेनतीजा रही।

 


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