विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने ने कहा कि भारत उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगा।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। आज सुबह कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है। इस बात पर जोर दिया गया कि सरकार उनकी रिहाई के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। उस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय करेंगे
Met this morning with the families of the 8 Indians detained in Qatar.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 30, 2023
Stressed that Government attaches the highest importance to the case. Fully share the concerns and pain of the families.
Underlined that Government will continue to make all efforts to secure their release.…
कतर की जेल में बंद सभी नौसेनिकों ने कभी प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी, डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए सभी काम कर रहे थे, जो एक निजी फर्म है जो कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं प्रदान करती थी।
सूत्रों के अनुसार भारतीय नौसेनिकों में से कुछ अत्यधिक संवेदनशील परियोजना पर काम कर रहे थे। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नौसेना के आठ दिग्गजों पर जासूसी का आरोप लगाया गया है। विदेश मंत्रालय ने पहले ही कहा था कि वह फैसले से स्तब्ध है और इस मुद्दे को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठायेंगे। मंत्रालय ने कहा था मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।
सजा पाने वालों नौसेनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला और कमांडर संजीव गुप्ता शामिल हैं।