Electricity shortage: पिछले दिनों चीन में थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत की वजह से बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई थी और लोगों के घरों में भी बिजली काट दी गई थी। कुछ इसी तरह का संकट अब भारत में देखने को मिल सकता है।
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनामी में पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति की स्थिति बदहाल हो चुकी है। कोयले से बिजली बनाने वाले पावर प्लांट के पास औसतन 4 दिन का स्टॉक बचा हुआ है। पिछले कई सालों में यह सबसे खराब आंकड़ा है। अगर बात अगस्त की करें तो उसमें पावर प्लांट के पास औसतन 13 दिन का कोयला बचा हुआ था। देश में थर्मल पावर प्लांट के आधे से ज्यादा ने बिजली संकट की चेतावनी दे दी है।
भारत में 70 फीसदी बिजली कोयले से बनती है। इस साल भारी बारिश की वजह से कोयले की खान में पानी भरा हुआ है और महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट रूट खराब हो गए हैं। कोयले से बिजली बनाने वाले प्लांट में ऑपरेटर एक अजीब सी स्थिति का सामना कर रहे हैं। वह घरेलू बाजार में बाजार से कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मोटा प्रीमियम देने को मजबूर हैं। अगर उन्हें स्थानीय स्रोत से कोयला नहीं मिला तो वह समुद्र किनारे मौजूद कोल मार्केट में जा रहे हैं जहां कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
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