होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

आठवें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी, अस्पतालों में मरीजों का बुरा हाल, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू

आठवें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी, अस्पतालों में मरीजों का बुरा हाल, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के विरोध में देश के सभी अस्पतालों में आज डॉक्टरों की हड़ताल है। देश में मेडिकल स्टाफ की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार (17 अगस्त) सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे, यानी 24 घंटे के लिए बंद की घोषणा की है। 

इस दौरान सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी कामकाज बंद रहेंगे। IMA ने 15 अगस्त को हड़ताल की जानकारी दी थी। एसोसिएशन ने कहा कि हड़ताल के दौरान ओपीडी काम नहीं करेंगे। इमरजेंसी के अलावा कोई दूसरी सर्जरी नहीं की जाएंगी।

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ऑन ड्यूटी पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया गया और हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन जारी है।

हड़ता का देश भर में असर:-

कोलकाता के यूनवर्सिटी में प्रोफेसर स्टूडेंट्स की हड़ताल


कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी में  प्रोफेसरों और छात्रों ने शुक्रवार (16 अगस्त) को एक दिन की हड़ताल की। इससे यूनिवर्सिटी में पढ़ाई बंद हो गई।

कर्नाटक में सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां सस्पेंड
IMA की हड़ताल को लेकर कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार (16 अगस्त) को सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों और सर्जनों की छुट्टियां सस्पेंड कर दीं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं  होनी चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी हो।

मध्य प्रदेश में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद किया

भोपाल में एम्स सहित मध्य प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार (16 अगस्त) को काम बंद कर दिया। कई अस्पतालों में मरीजों को बिना इलाज के छोड़ दिया गया। ओपीडी और ओटी सेवाएं ठप रहीं। सिर्फ इमरजेंसी और आईसीयू चालू रहा।

दिल्ली में 5 दिन में 1 लाख से ज्यादा मरीजों को नहीं मिला इलाज

दिल्ली में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर की हड़ताल को 5 दिन हो गए हैं। हड़ताल के चलते दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, डॉक्टरों की काम रोको हड़ताल के चलते रोजाना लगभग 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं।

महाराष्ट्र में चार दिनों से हड़ताल, हजारों मरीज परेशान

महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का शुक्रवार (16 अगस्त) को चौथा दिन था। चौथे दिन सीनियर डॉक्टर्स भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए, जिससे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं बाधित हो गईं। ओपीडी, ओटी, लैब सेवाएं सहित दूसरी गैर-जरूरी सेवाएं बंद रहने से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

क्या है IME  की मांगें?

कोलकाता की घटना के बाद देश में डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए IMA ने सरकार से एक केंद्रीय कानून बनाने सहित 5 मांगे की हैं।
एक केंद्रीय कानून बने, जिसमें 2019 के प्रस्तावित हॉस्पिटल प्रोटेक्शन बिल में एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में 2023 में किए गए संशोधन शामिल हो। IMA ने यह भी सुझाव दिया है कि COVID-19 महामारी के दौरान लागू किए गए अध्यादेश के समान ही एक अध्यादेश इस स्थिति में ठीक रहेगी।
सभी अस्पतालों में एयरपोर्ट की तरह सुरक्षा प्रोटोकॉल हो। 
अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित जगहों और रेस्ट एरिया की कमी को तुरंत दूर किया जाए।
केस की एक तय समय सीमा में प्रोफेशनल जांच हो और पीड़ित को न्याय मिले। आरोपियों की पहचान करके उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले।
पीड़ित से जिस तरह क्रूरता की गई, उसके हिसाब से उनके परिवार को सही और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल CBI हिरासत में 

CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को अपने हिरास्त मे ले लिया हैं। दूसरी तरफ  CBI ने पीड़ित परिवार से शुक्रनार (16 अगस्त) को बातचीत की। परिवार ने अस्पताल के कुछ इंटर्न और डॉक्टर्स पर इस केस में शामिल होने का शक जताया है। CBI ने कहा कि पीड़ित परिवार ने कुछ नाम लिखाए हैं। हम अभी 30 लोगों से पूछताछ करेंगे।

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव,जानें कितने चरण में होगा मतदान


संबंधित समाचार