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CDS बिपिन रावत बोले- चीन के साथ अगर बातचीत फेल हुई तो सैन्‍य विकल्प मौजूद

CDS बिपिन रावत बोले- चीन के साथ अगर बातचीत फेल हुई तो सैन्‍य विकल्प मौजूद

 

पिछले कई महीनों से पूर्व लद्दाख में जारी भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव से निपटने के लिए सैन्य विकल्प है। उन्होंने कहा कि इस विकल्प का उपयोग सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत विफल होने के बाद किया जाएगा।

बिपिन रावत ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से किए गए बदलावों से निपटने के लिए एक सैन्य विकल्प मौजूद है। केवल दो देशों की सेनाओं के बीच बातचीत होने पर ही उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। एलएसी के साथ हुए बदलाव अलग-अलग धारणाओं के कारण होते हैं। रक्षा सेवाओं पर निगरानी रखने और घुसपैठ को रोकने के लिए ऐसे अभियानों को रोकने का काम सौंपा जाता है।' सीडीएस ने आगे कहा, 'जैसी गतिविधि इस वक्त भारत-तीन के बीच है, ऐसी गतिविधि को शांतिपूर्वक ढंग से हल करने और घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।' 

उन्होंने कहा, 'रक्षा सेवाएं हमेशा सैन्य कार्यों के लिए तैयार रहती हैं, फिर चाहें उसमें एलएसी के साथ यथास्थिति को बहाल करने के सभी प्रयासों का सफल न होना ही शामिल क्यों न हो।' बिपिन रावत ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सभी लोग इस उद्देश्य के साथ सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में यथास्थिति बहाल करे।

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। चीनी सैनिक भी हताहत हुए लेकिन उसने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन की तरफ हताहतों की संख्या 35 है।

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