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CM Dhami ने पं. गोविंद बल्लभ पंत को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि,कहा-युवाओं के लिए उनके विचार प्रेरणादायक

CM Dhami ने पं. गोविंद बल्लभ पंत को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि,कहा-युवाओं के लिए उनके विचार प्रेरणादायक

 

Uttarakhand News : प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत का उनकी जयंती पर भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा भारत रत्न दिवंगत पंत एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, समाजसेवी तथा कुशल प्रशासक थे। 

उन्होंने कहा कि पंडित पंत ने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में अहम भूमिका निभाई थी। सीएम ने आगे कहा कि हिंदी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित कराने तथा उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री रहते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में भी उनकी खास भूमिका रही है।

उन्होंने कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत के जीवन से युवाओं को प्रेरणी लेनी चाहिए। उनके उनका संघर्षशील एवं प्रेरणादायी नेतृत्व देशवासियों के लिए सदा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। गोविंद वल्लभ पंत अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार आज भी जीवित हैं।

कौन है गोविंद बल्लभ पंत?

गोविंद बल्लभ पंत के बारे में जानना बहुत जरूरी है वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे, वह यूपी के पहले मुख्यमंत्री थे, उनका कार्यकाल 15 अगस्त, 1947 से 27 मई, 1954 तक रहा।  इसके बाद में वे भारत के गृहमंत्री भी बने। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में उन्होने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्हें वर्ष 1957 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर, 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था।


जब वे 18 वर्ष के थे, तो उन्होंने गोपालकृष्ण गोखले और मदन मोहन मालवीय को अपना आदर्श मानते हुए भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (INC) के सत्रों में एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया।


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