Carlsen beats Praggnanandhaa in tie-breaks to win the title:वर्ल्ड चेस कप 2023 के फाइनल में भारत के रमेशबाबू प्रगनाननंदा को विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के साथ ही प्रगनाननंदा के विश्व चैंपियन बनने से रह गए ।टाईब्रेक में पहले गेम में प्रगनाननंदा को हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उनके लिए वापसी बेहद मुश्किल हो गई थी। अगला गेम कार्लसन ने ड्रॉ कराया और मैच अपने नाम किया। दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल प्रारूप में दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे थे। ऐसे में यह मैच टाई ब्रेकर में पहुंचा और यहां जीत हासिल कर मैग्नस कार्लसन ने विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। अमेरिका के फैबियानो कारुआना तीसरे और अजरबैजान के निजात अबासोव चौथे स्थान पर रहे।
Grandmaster Rameshbabu Praggnanandhaa finishes as the runner-up of FIDE World Cup 2023!
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) August 24, 2023
The 18-year-old has created history, becoming the youngest ever player to qualify for the FIDE World Cup Finals.
He is the second-ever Indian after Vishy Anand to qualify for the Candidates… pic.twitter.com/JH74dL8CeZ
फाइनल मैच के तीसरे दिन टाई ब्रेकर में प्रगनाननंदा सफेद मोहरों के साथ पहला गेम हार गए थे। इसके साथ ही उनकी हार लगभग तय हो गई थी, क्योंकि कार्लसन के खिलाफ काले मोहरों के साथ अगला गेम जीतना उनके लिए बेहद मुश्किल था। अंत में हुआ भी ऐसा ही। कार्लसन ने सफेद मोहरों के साथ बेहद रक्षात्मक खेल दिखाया और शुरुआत से ही किलेबंदी करके समय जाया करते रहे। अंत में यह गेम ड्रॉ पर खत्म हुआ और पहला गेम जीतने वाले कार्लसन ने मैच अपने नाम किया।
क्लासिकल मुकाबलों में क्या हुआ?
रमेशबाबू प्रगनाननंदा और मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व कप के फाइनल मैच में क्लासिकल प्रारूप का पहला गेम मंगलवार को हुआ था। प्रगनाननंदा सफेद और कार्लसन काले मोहरों के साथ खेल रहे थे। दोनों खिलाड़ियों ने बहुत ही संयमित तरीके से यह मैच खेला। बाद में कार्लसन ने काले मोहरों के साथ यह मैच जीतने की कोशिश की, लेकिन प्रगनाननंदा ने शानदार रक्षात्मक खेल दिखाया और मैच बचाने में सफल रहे। 35 चाल के बाद दोनों खिलाड़ियों ने हाथ मिलाए और मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।
वहीं क्लासिकल प्रारूप में दूसरा मुकाबला बुधवार को खेला गया। इस मैच में कार्लसन सफेद मोहरों के साथ खेल रहे थे और प्रगनाननंदा काले मोहरों के साथ खेल रहे थे। इस मैच में भी दोनों खिलाड़ी संयमित नजर आए और शुरुआत से ही लग रहा था कि मैच ड्रॉ होगा और अंत में हुआ यही। एक घंटे तक चले मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने 30 चालें चलीं, लेकिन मैच बराबरी पर रहा और अंत में दोनों ने ड्रॉ खेलने का फैसला किया। इस मैच में कार्लसेन शुरुआत में समय के लिहाज से आगे थे, लेकिन इसका फायदा नहीं उठा सके और अंत में वह खुद समय के मामले में पिछड़ने लगे थे।
फाइनल में जगह बनाने के बाद, प्रगनानंदा दिग्गज बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।