होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

आज लॉन्च होगा Chandrayaan-3, South Pole पर उतरने वाला पहला देश बन सकता है भारत

आज लॉन्च होगा Chandrayaan-3, South Pole पर उतरने वाला पहला देश बन सकता है भारत

 

Moon Mission Chandrayaan 3 Launch:श्रीहरिकोटा में आज दोपहर ढाई बजे चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा। बताया जा रहा है कि 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।इस बीच ISRO ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-3 के लॉन्‍च का काउंटडाउन शुरू हो गया है। L110 और C25 स्‍टेज में प्रॉपलेंट फिलिंग पूरी हो गई है। इस लेख में आइए आपको बताते हैं Moon Mission Chandrayaan 3 से जुड़े कुछ तथ्य...

 

चंद्रयान-3 के लॉन्च का लाइव वीडियो यहां देख‍िए
सबसे पहले आपको बता दें कि चंद्रयान-3 के लॉन्च का लाइव टेलीकास्ट आप ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट , यूट्यूब और ट्विटर-फेसबुक पर देख सकते हैं। 

 

साउथ पोल पर ही क्यों उतरेगा  लैंडर?
चंद्रयान-3 के लैंडर को चांद के साउथ पोल पर उतारा जाएगा। चांद को फतह कर चुके अमेरिका, रूस और चीन ने अभी तक इस जगह पर कदम नहीं रखा है। चांद के इस भाग के बारे में अभी बहुत जानकारी भी सामने नहीं आ पाई है। चंद्रयान-1 मिशन के दौरान साउथ पोल में बर्फ के बारे में पता चला था। साउथ पोल काफी रोचक है। इसकी सतह का बड़ा हिस्सा नॉर्थ पोल की तुलना में ज्यादा छाया में रहता है। यहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती। तापमान -230 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। संभावना इस बात की भी जताई जाती है कि इस हिस्से में पानी भी हो सकता है। चांद के साउथ पोल में ठंडे क्रेटर्स (गड्ढों) में शुरुआती सौर प्रणाली के लुप्‍त जीवाश्म रिकॉर्ड मौजूद हो सकते हैं। अगर चंद्रयान-3 यहां लैंड करता है तो यह ऐतिहासिक होगा।

माइनस 180 डिग्री पर भी काम करेगा रोवर
डर-रोवर चांद के एक दिन (धरती के 14 दिन के बराबर) ही काम कर पाएंगे। रात में तापमान माइनस 180 डिग्री तक गिरेगाा। तब गारंटी नहीं कि उपकरण काम करेंगे। अगले दिन फिर सूर्य किरणों से चार्ज हुआ तो एक मौका मिलेगा।

इस बार लैंडर में चार ही इंजन, पांचवां हटाया
इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन (थ्रस्टर) तो होंगे, लेकिन पिछली बार बीचोंबीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। इसके अलावा फाइनल लैंडिंग केवल दो इंजन की मदद से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें।

चंद्रयान-2 से 6 दिन पहले ही सफर पूरा होगा
चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था। जबकि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है। जरूरत पड़ने पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की मदद ली जाएगी। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर, चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहेगा। यह कम्युनिकेशन के लिए होगा।

आज दोपहर लॉन्च होगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 आज दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। मिशन में अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लॉन्च वीकल मार्क-3 (MV-3) तैयार है। MV-3 का लॉन्चिंग सक्सेस रेट 100% है।  


संबंधित समाचार