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BRICS:भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग में बोले PM मोदी

BRICS:भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग में बोले PM मोदी

 

Brics:आज के दिन जहां पूरे भारत देश की नजर चंद्रयान 3 पर टिकी हुई है। वहीं देश के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं। पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं। यात्रा के पहले दिन पीएम मोदी ने बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राजील, रूस, भारत और चीन और दक्षिण अफ्रीका मिलकर वैश्विक कल्याण और ग्लोबल साउथ में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। आज वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल है लेकिन भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

 

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था- पीएम मोदी 
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत जल्द ही पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला है। भारत आने वाले कुछ सालों में विकास का इंजन बनने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने बिजनेस फोरम में जोर डालते हुए कहा कि भारत में व्यापार करने में आसानी रैंकिंग में सुधार किया है।

यूपीआई (UPI) एवं नवीकरणीय प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर की बात
पीम मोदी ने भारत में यूपीआई की उपलब्धि गिनाते हए कहा कि आज भारत में रहेड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में हो रहा है। यूएई, सिंगापुर और फ्रांस जैसे देश भी अब यूपीआई से जुड़ रहे हैं। नई दिल्ली ने रक्षा और अंतरिक्ष जैसे अहम क्षेत्र भी निजी निवेश के लिए खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय प्रौद्योगिकी के लिए बड़ा बाजार तैयार होगा। भारत ने वित्तीय समावेशन में लंबी छलांग लगाई है। इसका सबसे अधिक फायदा ग्रामीण महिलाओं को हुआ है। पीएम मोदी का कहना है कि भारत में बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। यह भविष्य के नए भारत की मजबूत नींव तैयार करेगा।

 

द. अफ्रीका ( South Africa) के राष्ट्रपति ने किया संबोधित
बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मंगलवार को की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाओं में जो बदलाव हुए हैं, उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था के आकार को बदलने के लिए बहुत किया है। राष्ट्रपति रामाफोसा ने आगे कहा कि हमें वैश्विक वित्तीय संस्थानों में मौलिक सुधार की आवश्यकता है, जिससे वे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के खिलाफ और अधिक चुस्त हो सकें। उन्होंने कहा कि अपने गठन के बाद से एनडीबी (ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित बैंक) ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बिना किसी शर्त के बुनियादी ढांचे और सतत विकास के लिए संसाधन जुटाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। 


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