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हरियाणा में अब सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली, विधेयक पारित

हरियाणा में अब सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली, विधेयक पारित

 

विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के बीच गुरुवार को हरियाणा विधानसभा में एक विधेयक पारित किया गया जिसके तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों से क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता जब ध्वनि मत से विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे तो कांग्रेस के दो विधायकों ने आसन के पास आकर इसे वापस लेने की मांग की।

इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने "विधेयक वापस लो, वापस लो" के नारे लगाए। वही, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस के उस सुझाव का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि विधेयक लाने का निर्णय केंद्र में लागू कानून को लेकर किसानों के आंदोलन से जुड़ा है। विज ने कहा कि विधेयक उन लोगों को जवाबदेह ठहराने से संबंधित है जो दुकानों को जलाते हैं और विरोध प्रदर्शन के दौरान अन्य सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर एस कादियान ने दावा किया कि विधेयक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

उन्होंने कहा, "ऐसे विधेयक की क्या आवश्यकता थी? यह विधेयक ऐसे समय में लाया गया है जब किसान धरने पर बैठे हैं।" वहीं, विपक्ष के आरोपों के जवाब में मंत्री विज ने कहा, "हम इस विधेयक को लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार के खिलाफ नहीं ला रहे हैं। वे (विपक्ष) कह रहे हैं कि हम इसे किसानों के आंदोलन के लिए ला रहे हैं, लेकिन इसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।" बता दें कि सदन में सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को तीन दिन पहले रखा गया था। उसे लगभग एक घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया।


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