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Bilkis Bano Case: SC सुनेगा दोषियों का पक्ष, गुनहगारों की रिहाई पर गुजरात सरकार को भेजा नोटिस

Bilkis Bano Case: SC सुनेगा दोषियों का पक्ष, गुनहगारों की रिहाई पर गुजरात सरकार को भेजा नोटिस

 

सुप्रीम कोर्ट में आज बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano Case) के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुजरात सरकार (Gujarat Govt) को नोटिस जारी किया है, साथ ही सभी दोषियों को भी अपना पक्ष बनाने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद तय की गई है। बता दें कि गोधरा कांड (Godhra incident) के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और इन्हीं दंगों के दौरान बिलकिस बानों के परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं दंगाइयों ने बिलकिस बानो का सामूहिक दुष्कर्म भी किया था।  

सभी दोषियों को मिली थी उम्रकैद
मुंबई (Mumbai) की एक विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) ने 21 जनवरी, 2008 को हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने उनकी सजा को बरकरार रखा। इन सभी दोषियों ने 15 साल से अधिक समय तक जेल में सेवा की, जिसके बाद उनमें से एक दोषी ने अपनी समय से पूर्व रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को 1992 की नीति के अनुसार सजा में छूट को उसकी दोषसिद्धि की तारीख के आधार पर देखने का निर्देश दिया था। इसके बाद, सरकार ने इस मामले में एक समिति का गठन किया और सभी दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया।

जानें पूरा मामला
गौरतलब है कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में जगह-जगह दंगे भड़क गए थे और इन्हीं दंगों के बीच 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के परिवार पर भीड़ ने हमला किया था। बिलकिस बानो उस समय पांच महीने की गर्भवती थी। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके परिवार के सात सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी थी।

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