Ayodhya Airport: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब यहां आने वाले भक्तों को अब जल्द ही हवाई जहाज की सुविधा भी मिलेगी। रामनगरी अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में तेज़ी आ गई है। खबरों के मुताबिक इस साल नवंबर से हवाई यात्रा के जरिए दिल्ली और मुंबई से अयोध्या पहुंचना संभव होगा। परियोजना का पहला चरण पूरा होने के बाद घरेलू उड़ानें शुरू होंगी, जबकि दूसरा और तीसरा चरण एक साथ जारी रहेगा। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी।
राम मंदिर ट्रस्ट ने घोषणा की है कि भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नए साल (2024) के जनवरी महीने में की जाएगी। इस शुभ आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण देते हुए पत्र लिखा गया है। इस बीच, सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुविधाओं के निर्माण के मामले में भी अयोध्या में तेजी से विकास हुआ है। ऐसे में तैयारियां कुछ इस तरह से चल रही हैं कि रामलला के मंदिर के लोकार्पण के कुछ माह पहले ही भक्तों को हवाई यात्रा की सुविधा मिल जाए।
रन-वे का लगभग काम हुआ पूरा
एयरपोर्ट में रनवे, पावर ट्रांसमिशन का काम तेजी के साथ लगभग पूरा हो चुका है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर भी बनकर तैयार है।
यात्रियों के लिए टर्मिंनल बिल्डिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी किया गया है। सुरक्षा के कड़े प्रबंध को ध्यान में रखते हुए कटीले तार भी लगाए जा रहे हैं। पार्किंग की भी पूरी सुविधा है। एयरपोर्ट अंदर से बाहर तक श्रीराम मंदिर का अहसास कराएगा।
#AAI’s #Tuticorin @aaitutairport is in the midst of a transformational phase, with extensive upgradation work underway to enhance its infrastructure and amenities. The development project includes the construction of New Terminal Building and #ATC Tower cum Technical Block. pic.twitter.com/7EoIGVvamr
— Airports Authority of India (@AAI_Official) July 3, 2023
पूरे कराए जा रहे लाइसेंसिंग के मानक
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार एयरपोर्ट के सिविल, इलेक्ट्रिकल और आईटी जैसे कार्य जुलाई से अगस्त के बीच पूरे हो जाएंगे। इसके बाद उड़ान के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि अभी लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया गया है लेकिन अन्य कार्यों के साथ ही साथ लाइसेंसिंग के मानक पूरे कराए जा रहे हैं। अगस्त तक इन कार्यों के पूरा होने के बाद जिला प्रशासन के सहयोग से महीने भर में लाइसेंस मिल जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद उड़ान शुरू हो जाएगी।