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अंबाला कैंट: सेनानियों की याद में बनाया जा रहा 'आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक', ये है खासियत

अंबाला कैंट: सेनानियों की याद में बनाया जा रहा 'आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक', ये है खासियत

 

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 के असंख्य अनसंग योद्धाओं व सेनानियों की याद में अंबाला कैंट में बनाया जा रहा 'आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक' का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है, जो जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। अनिल विज यहां इस संबंध में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि यह शहीद स्मारक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थापित किया जा रहा है जो 22 एकड़ भूमि पर बनेगा।

विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्मारक के निर्माण कार्य में और गति लाई जाए ताकि यह आगंतुकों के लिए जल्द शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि यह शहीद स्मारक एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा जो संभवतः देश का सबसे बड़ा व आधुनिक तकनीक से लैस शहीद स्मारक होगा। शहीद स्मारक को स्थापित करने के संबंध में इतिहास की पुख्ता वस्तुओं व कहानियों को दिखाने हेतू 1857 से संबंधित इतिहासकारों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वे अपने-अपने अध्ययन के अनुसार जो सुझाव देंगे , उन्हें स्मारक में विभिन्न कलाकृतियों, आर्ट, लाईट एंड साऊंड इत्यादि के माध्यम से आंगुतकों के ज्ञान के लिए दर्शाया जाएगा।

तीन चरणों में विकसित होगा शहीद स्मारक
शहीद स्मारक तीन चरणों में विकसित होगा। पहले चरण के तहत अंबाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जायेगा।

अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा
यह स्मारक अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा जिसमें इतिहास को दिखाने के लिए आज की आधुनिक डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस स्मारक में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए इंडोर नेवीगेशन सिस्टम होगा जिसके तहत ऑडियो के माध्यम से आगन्तुक को स्मारक के बारे में संपूर्ण जानकारी मुहैया हो पाएगी। इसी प्रकार, 1857 की क्रांति की योजना को भी डिजीटल तकनीक से दर्शाने का काम होगा और यह भी बताया जाएगा कि किस प्रकार से 1857 के बाद अगले 90 सालों के लिए स्वतंत्रता का संग्राम लड़ा गया।

1857 की आर्थिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, धार्मिक व सामाजिक परिस्थितियों का व्यापक वर्णन होगा स्मारक
इस शहीद स्मारक में 1857 की आर्थिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, धार्मिक व सामाजिक परिस्थितियों का भी व्यापक वर्णन आधुनिक तकनीक के प्रयोग के माध्यम से किया जाएगा। इसी प्रकार, स्मारक में स्थापित किए जाने वाले संग्रहालय में इतिहास से जुड़ी पुख्ता कलाकृतियों का प्रदर्शन होगा। बैठक में बताया गया कि स्मारक में डिजिटल संकल्प स्तंभ की भी स्थापना की जाएगी ताकि आने वाले लोग देशभक्ति के प्रति एक संकल्प लेकर जाएं। इसी प्रकार, देश-विदेश के चित्रकारों के दुर्लभ चित्र भी स्मारक की दीवारों पर होंगे जिसमें आजादी की पहली लड़ाई के चित्रित किया जाएगा।

ओपन एयर थियेटर भी बनाया जाएगा
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि स्मारक में ओपन एयर थियेटर भी बनाया जा रहा है कि जिसमें हरियाणा सरकार की उपलब्धियां दिखाई जाएगी और लाइट एंड साउंड शो भी होगा।

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