फेसबुक के को-फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के नए नाम की घोषणा कर दी है। फेसबुक को अब नए नाम Meta से जाना जाएगा, जबकि जिसके लिए फेसबुक ने अपना नाम बदला है, उसे मेटावर्स के नाम से जाना जाएगा। मेटावर्स एक अलग ही दुनिया है जो कि पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है। मेटावर्स के लिए फेसबुक लगातार निवेश भी कर रहा है। फेसबुक के अलावा कई अन्य कंपनियां भी मेटावर्स बनने पर विचार कर रही हैं।
मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के नए नाम के ऐलान के दौरान कहा कि हमने सामाजिक मुद्दों से जूझने और काफी करीबी प्लेटफॉर्म पर एक साथ रहते हुए बहुत कुछ सीखा है और अब समय आ गया है कि हमने जो कुछ भी सीखा है उसके अनुभव से एक नए अध्याय की शुरुआत करें। मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि आज से हमारी कंपनी अब मेटा है। हमारा मिशन वही है। हमारे एप्स और ब्रांड के नाम नहीं बदल रहे हैं। आज हम एक सोशल मीडिया कंपनी के नाम से जाने जाते हैं, लेकिन डीएनए के हिसाब से हम एक ऐसी कंपनी हैं जो लोगों को जोड़ने वाली टेक्नोलॉजी विकसित करती हैं।'
आपके लिए यह जानना सबसे जरूरी है कि फेसबुक के नए ऐलान के बाद क्या-क्या बदला है और क्या नहीं बदला है। कंपनी की सिर्फ ब्रांडिंग बदली है यानी फेसबुक कंपनी को अब मेटा (Meta) के नाम से जाना जाएगा। कंपनी के हेडक्वॉटर पर मेटा लिखा जाएगा ना कि फेसबुक। फेसबुक एप का नाम नहीं बदल रहा है और ना ही इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर का नाम बदल रहा है। कंपनी के विभिन्न पदों में भी कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है, लेकिन 1 दिसंबर से कंपनी के स्टॉक का स्टिकर MVRS के नाम से होगा। कंपनी के हेडक्वॉटर में अंगूठा वाला (लाइक) लोगो अब हट गया है और उसकी जगह नए लोगो ने जगह ले ली है जो कि इनफिनिटी जैसा है।
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