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असंभव को संभव बनाएं अधिक मास की विनायक चतुर्थी,19 साल बाद बने ये शुभ योग,जानें-शुभ मुहूर्त पूजा विधि

असंभव को संभव बनाएं अधिक मास की विनायक चतुर्थी,19 साल बाद बने ये शुभ योग,जानें-शुभ मुहूर्त पूजा विधि

 

Vinayak Chaturthi 2023: इस बार  विनायक चतुर्थी के व्रत दो बार पड़ेंगे ऐसा 19 साल बाद हुआ है, जब सावन में अधिकमास में चतुर्थी तिथि आई है। सावन महीना भगवान शिव का प्रिय होता है और अधिक मास भगवान विष्णु जी को समर्पित है और चतुर्थी तिथि के स्वामी गणपति जी है इसलिए इस बार की चुतर्थी तिथि अपने आप में खास है। माना जाता है जो जातक सावन अधिकमास की चतुर्थी तिथि का व्रत करते है उनके असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। वहीं पहली विनायक चतुर्थी अधिक मास में 21 जुलाई को पड़ रही है। चलिए जानते हैं पहली विनायक चतुर्थी  की पूजा विधि और महत्व... 

विनायक चतुर्थी तिथि का शुभ मुहूर्त

सावन विनायक चतुर्थी 2023 तिथि पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जुलाई को सुबह के 6 बजे शुरू होगी। इस तिथि का समापन 22 जुलाई की सुबह 9 बजे होगा। विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त  11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक का है।

ऐसे करें विनायक चतुर्थी की पूजा 

- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह नहाधोकर साफ कपड़े पहन कर भगवान गणेश के सामने प्रार्थना करते हुए पूजन का करें। 
- एक चौकी पर विघ्नहर्ता गणेश की मूर्ति स्थापित करें और उनका जलाभिषेक करें। 
- बप्पा को चंदन का तिलक लगाएं, वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल अक्षत, पान, सुपारी आदि अर्पित करें।
- गणपति बाप्पा को मोदक और दूर्वा घास बेहद पसंद है, उनका भी भोग लगाएं। ऐसा करने से विघ्नहर्ता गणेश प्रसन्न होंगे।

बन रहे शुभ योग 

- लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
-अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
-रवि योग कल दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 22 जुलाई को सुबह 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।

इस दिन कई शुभ योग बनने के कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है।  इस दिन रवि योग बन रहा है। इसके अलावा लाभ-उन्नति मुहूर्त और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी बन रहा है। शास्त्रों में  रवि योग को बहुत ही शुभ माना गया है। इस योग में सूर्य का प्रभाव ज्यादा होता है। इसलिए इस योग को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। इस योग में कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा माना जाता है। रवि योग धन और वैभव को बढ़ाने वाला शुभ योग है। विनायक चतुर्थी के दिन इस शुभ योग में गणपति की आराधना करने से भक्तों पर गणपति बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


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