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सितंबर में एक सरकारी बैंक का हो सकता है प्राइवेटाइजेशन, ये 2 बैंक हैं शॉर्टलिस्ट

सितंबर में एक सरकारी बैंक का हो सकता है प्राइवेटाइजेशन, ये 2 बैंक हैं शॉर्टलिस्ट

 

Bank privatization: सरकारी बैंकों (Government Banks) का प्राइवेटाइजेशन (privatization) सितंबर महीने तक शुरू हो सकता है। सरकार बैंकिंग विनियमन अधिनियम (banking regulation act) में संशोधन करके पीएसयू बैंकों (PSB) में विदेशी स्वामित्व पर 20% की सीमा को हटाने की तैयारी में जुटी हुई है। इसकी जानकारी दो सरकारी अधिकारियों ने नाम ना बताने की शर्त के साथ दी है।

हालांकि, संसद के चालू बजट सत्र (Budget Session) में संशोधन पेश करने की कोशिश है, लेकिन बदलावों के लिए कैबिनेट की मंजूरी में कुछ वक्त लग सकता है। संभावना जताई जा रही है कि संशोधन मानसून सत्र तक हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार का सितंबर तक कम से कम एक बैंक का प्राइवेटाइजेशन करने का उद्देश्य है।

अगले वित्त वर्ष में एक बैंक होगा प्राइवेट
सूत्रों की माने तो, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन (bank privatization 2022) पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसकी रूपरेखा तय करने के लिए इंटर-मंत्रालयी परामर्श अंतिम चरण में चल रहा है। विधायी प्रक्रिया पूरी होने के बाद तुरंत विनिवेश पर मंत्रियों का समूह निजीकरण के लिए बैंकों के नामों को एक अंतिम रूप देगा।

ये है सरकार की योजना
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की थी कि वित्त वर्ष 22 में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। प्राइवेटाइजेशन के लिए NITI Aayog ने दो PSU बैंक को शॉर्टलिस्ट भी कर लिया है, हालांकि, उनका नाम अभी बताया नहीं गया है। सीतारमण ने आगे कहा था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी (Insurance company) को भी बेचा जाएगा। हालांकि, महामारी के कारण इन योजना में थोड़ी देरी हो गई। इतना ही नहीं सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण में शामिल किसी भी नियामक मुद्दे को दूर करने के लिए IDBI बैंक पर निवेशकों की प्रतिक्रिया के इंतजार में है। इसके लिए बैंकिंग नियामक के साथ परामर्श जारी है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि सचिवों के एक पैनल ने निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) को संभावित उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था। विधायी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पैनल द्वारा सेलेक्ट नामों को अप्रूवल के लिए मंत्रियों के समूह के सामने पेश किया जाएगा। 

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