Jharkhand Police Recruitment: झारखंड में कांस्टेबल भर्ती के दौरान 12 अभ्यर्थियों की अचानक मौत से राज्य में हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। अभ्यर्थियों की मौतों के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के शासन और प्रशासनिक क्षमताओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।
अभ्यर्थियों की मौतों ने युवाओं में आक्रोश को जन्म दिया है। कई लोगों ने इस तरह की महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया की देखरेख करने में सोरेन सरकार के फैसलों और क्षमता पर सवाल उठाए हैं। इस तरह की घटना ने ना सिर्फ सरकार पर सवाल खड़े कर दिए बल्कि हजारों नौकरी चाहने वालों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। दूसरी तरफ राज्य में विपक्ष दलों ने सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया है।
भाजपा ने किया मदद का ऐलान
भाजपा द्वारा मृतकों के परिजनों की मदद का ऐलान किया है। पार्टी ने घोषणा की है कि हर मृतक के परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। BJP के इस कदम को झारखंड चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
झारखंड भाजपा विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि- बीजेपी पीड़ित परिवारों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। उन्होंने कहा कि साथ ही बीजेपी नेता पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करेंगे। इसके साथ ही हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य सरकार से मांग की कि वह मृतक अभ्यर्थियों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया तो भाजपा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाएगी।
ये है पूरी खब
झारखंड में एक्साइज कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन 22 अगस्त से कराया गया था। इसमें अभ्यर्थियों को 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी थी। बता दें कि झारखंड में एक्साइज कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को एग्जाम के आगे के चरणों में क्वालिफाई करने के लिए दौड़ में पास होना अनिवार्य था। ऐसे में लिखित परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों की दौड़ कराई गई थी जिसके बाद लिखित परीक्षा होनी थी और सबसे आखिर में मेडिकल टेस्ट था।
लेकिन दौड़ के दौरान ही 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गई। यह घटना के बाद से राज्य सरकार पर लोगों द्वारा लापरवाही और उचित व्यवस्था प्रणाली को लेकर सवाल किए जा रहे है। गौरतलब है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दें पर रोटियां सेकने का काम करेगी।
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