
Up News : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी क्षेत्र में रामकथा के आयोजन के दौरान निकाली गई कलश यात्रा के चलते पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच विवाद सामने आया है। इस विवाद में अब प्रमुख धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद गिरी का नाम भी जुड़ गया है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने यूपी पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की है, और इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक कड़ी चेतावनी दी है।
अधिकारियों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं पर कार्रवाई
घटना के अनुसार, लोनी में आयोजित रामकथा कार्यक्रम के दौरान जब कलश यात्रा निकाली जा रही थी, तब पुलिस ने कुछ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं पर कार्रवाई की। इस पर लोगों में आक्रोश फैल गया, और मामला तूल पकड़ने लगा। इसी दौरान, यति नरसिंहानंद गिरी ने यह बयान दिया कि जब तक आरोपी पुलिस अधिकारी अजय मिश्रा का तबादला नहीं किया जाता, वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।
धार्मिक आस्थाओं के नाम पर हिंसा या नफरत फैलाने की अनुमति नहीं
यति नरसिंहानंद ने अपनी चेतावनी में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाते हुए कहा कि यदि इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे उपवास करेंगे। हालांकि, इस बयान के दौरान यति नरसिंहानंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिस पर विवाद और बढ़ गया। गाजियाबाद पुलिस ने इस बयान के मद्देनजर यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि किसी भी धार्मिक आस्थाओं के नाम पर हिंसा या नफरत फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जो इस तरह की बातों के लिए उकसाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज
गाजियाबाद में रामकथा के आयोजन को लेकर बढ़ता हुआ तनाव, पुलिस की कार्रवाई और यति नरसिंहानंद का विवादास्पद बयान अब एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक मुद्दा बन चुका है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और आने वाले समय में इस विवाद पर किसी ठोस निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान और विवाद आगे चलकर धार्मिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं, और प्रदेश सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।