Bhimtal Bus Accident: बुधवार दोपहर एक बजे आमडाली पहुंची हल्द्वानी डिपो की बस पलक झपकते ही हादसे का शिकार हो गई। फिर वह नजर आया, जो चार नवंबर को मरचूला में हुए हादसे से भी भयानक था। आमडाली में 150 फुट गहरी खाई में गिरी बस के परखचे उड़ गए। बस की छत ही उड़ गई। लगेज स्टैंड समेत कई हिस्से इधर-उधर बिखरे नजर आए। यात्रियों को संभलने का भी मौका भी नहीं मिला। चार-पांच पलटी मारते हुए बस खाई में गिरी तो भयानक दृश्य था। हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 26 लोग गंभीर रूप से घायल है।
एंबुलेंस में सहेली को तलाशती रहीं रंजना की निगाहें
दमुवाढूंगा निवासी भूमिका पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। रंजना को जैसे ही पता चला कि उसकी सहेली भूमिका बस दुर्घटना में घायल हो गई और उसे एंबुलेंस से लाया जा रहा है तो वह दोपहर ढाई बजे सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गई। जैसे ही एंबुलेंस आना शुरू हुई, रंजना की नजरें हर आपातकालीन वाहन में अपनी दोस्त को तलाशती रहीं।
अपनी दोस्त की फिक्र में रंजना महिला तीमारदार से पूछती, आंटी 2132 नंबर की एंबुलेंस आई क्या। आखिर में भूमिका के आने पर रंजना ने राहत की सांस ली। भूमिका का इलाज चल रहा है। वहीं, एक लड़की के पिता भी सूचना पर पहुंचे थे। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि हम भीमताल से यहां आ गए लेकिन अब तक एंबुलेंस नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि भीमताल रोड पर बहुत अधिक ट्रैफिक है। घायलों के देरी से पहुंचने पर कौन जिम्मेदार होगा।
भीमताल के आमडाली में हुए हादसे में 10 छात्राओं को किस्मत ने बचा लिया। पिथौरागढ़ के नर्सिंग कॉलेज की ये छात्राएं बुधवार को छुट्टी के चलते अपने घर जाने के लिए हल्द्वानी का टिकट लेकर बस में बैठी थीं। फिर अचानक नैनीताल घूमने का प्लान बनने पर वे घटनास्थल से करीब छह किलोमीटर पहले खुटानी में उतर गईं। हादसे का शिकार हुई हल्द्वानी डिपो की बस यूके 07 पीए 2822 बुधवार सुबह पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के लिए रवाना हुई थी। इसमें परिचालक गिरीश चंद्र दानी और चालक रमेश चंद्र पांडे थे।
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