Tirupati Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हादसा तब हुआ जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में ‘वैकुंठ द्वार दर्शन’ के टिकट के लिए पहुंची थी। यह दर्शन 9 जनवरी से शुरू होने वाले था, लेकिन टिकट के वितरण को लेकर हुई अव्यवस्था और भीड़ के दबाव ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी, जिससे यह हादसा हुआ।
तिरुपति मंदिर की प्रशासनिक संस्था तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। टीटीडी के अधिकारियों का कहना है कि इस हादसे के बाद सभी सुरक्षा उपायों की पुनः समीक्षा की जाएगी। इस घटना के बाद, मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाने और भगदड़ से बचने के लिए उपाय शुरू कर दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।
मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा कि भविष्य में टिकटों की बिक्री के लिए अधिक सख्त व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोगों को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। टीटीडी के अनुसार, “वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टिकटों के वितरण को लेकर भारी भीड़ और व्यवस्था में खामियों के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।”
टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, “मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन बांटे जा रहे थे, और इसके लिए हम ने 91 काउंटर खोले थे। यह बहुत दुखद है कि भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। हम सभी को मेडिकल फेसेलिटी दे रहे हैं। आज तक टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं।”
कब हुई घटना और क्या थे कारण
श्री वेंकटेश्वर मंदिर के अधिकारियों ने 9 जनवरी से ‘वैकुंठ द्वार दर्शन’ के लिए टिकट जारी करने की योजना बनाई थी। इस दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं के बीच विशेष उत्साह था, क्योंकि यह विशेष दिन है और मंदिर में इस दिन विशेष पूजा होती है। जानकारी के मुताबिक, टिकट लेने के लिए लगभग 4 हजार लोग लाइन में लगे थे, और काउंटर की संख्या सिर्फ 91 थी। इसी बीच भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। लोग इधर उधर तेजी से भागने लगे, जिसके चलते कई लोग जमीन पर गिर पड़े। इसी के चलते 6 लोगों की मौत हो गई।
इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायल श्रद्धालुओं में से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनमें से कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस दुर्घटना के बाद कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तिरुपति मंदिर प्रशासन की आलोचना की है। उनका कहना है कि मंदिर प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पहले से ही ठोस व्यवस्था करनी चाहिए थी। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर टिकटों की बिक्री पहले से ही निर्धारित थी, तो इतनी बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर में क्यों जमा हो गए?
कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें लगता था कि टिकट नहीं मिलेंगे, इसीलिए उन्होंने 8 जनवरी से ही मंदिर पहुंचना शुरू कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि टोकन प्रणाली की अव्यवस्था के कारण यह घटना हुई।