हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने सीएम सुक्खू की अपील पर अपने निजी आवास में लगे पांच बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ दी है। इस संबध में उन्होंने इस आशय का एक स्व-प्रमाणित घोषणापत्र भरकर बिजली बोर्ड के अधिकारियों सौंपा।
उन्होंने कहा कि यह कदम प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने आर्थिक रूप से समर्थ एवं सम्पन्न बिजली उपभोक्ताओं से अपील की कि वे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों में भागीदार बनें और प्रदेश के विकास के लिए बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का स्वेच्छा से परित्याग करें।
इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार को अपना सरकारी पद छोड़ कर कांग्रेस का मुख्य प्रवक्ता बन जाना चाहिए। सीएम के सलाहकार जो भी बयानबाजी करते है वह केवल राजनीतिक होती है अगर उनका काम केवल सरकार का मुख्य प्रवक्ता बनना है तो वह अपना पद छोड़ सकते हैं।
सुखराम चौधरी ने कहा कि जब भी कांग्रेस के नेता को मौका मिलता है तब वह नेता प्रतिपक्ष पर टिप्पणी देना शुरू कर देते हैं, वह यह केवल इसलिए करते है क्योंकि वह राजनीतिक माइलेज लेना चाहते है।
उन्होंने आगे कहा कि आज भी मीडिया सलाहकार ने बिजली सब्सिडी छोड़ने का राजनीतिक स्टंट खेला है, अगर गौर से देखें तो मुख्यमंत्री के पक्ष में केवल यह ही बोलते है पर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं अध्यक्ष मौन रहते हैं। कांग्रेस के नेता मौन इसलिए रहते है क्योंकि वह जानते है जो मुख्यमंत्री कर रहे है वह पूरी तरह गलत है और जो निर्णय वह ले रहे है वह पूरी तरह जनविरोधी है।